
पटना, 04 जून।अगर आप सड़क दुर्घटना में किसी घायल की मदद कर उसे अस्पताल तक पहुँचाते हैं, तो अब सिर्फ उसकी जान बचाने का पुण्य ही नहीं मिलेगा, बल्कि राज्य सरकार की ओर से आपको 10 हजार रुपए का नकद पुरस्कार और सम्मान भी दिया जाएगा। बिहार सरकार सड़क सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करने और समय रहते घायल को इलाज दिलाने के लिए ‘गुड सेमेरिटन योजना’ चला रही है।
गोल्डन ऑवर में मदद की अहमियत
सड़क दुर्घटना के बाद पहला एक घंटा गोल्डन ऑवर माना जाता है। इस दौरान समय पर इलाज मिलने से कई बार जान बचाई जा सकती है। इसीलिए राज्य सरकार उन लोगों को सम्मानित करती है, जो बिना किसी डर और हिचक के घायल को अस्पताल पहुँचाने में मदद करते हैं। ऐसे मददगारों को गुड सेमेरिटन कहा जाता है।
26 जनवरी को 84 लोगों को किया गया सम्मानित
इस वर्ष गणतंत्र दिवस के मौके पर 84 गुड सेमेरिटन को सम्मानित किया गया। इनमें पूर्वी चंपारण जिले से सबसे ज़्यादा 19 लोगों को सम्मान मिला। वहीं अरवल से 8, अररिया, मधुबनी, समस्तीपुर और वैशाली से 4-4 लोगों को यह सम्मान दिया गया। पिछले साल 15 अगस्त को भी 91 अच्छे मददगारों को इसी योजना के तहत पुरस्कृत किया गया था।
कैसे बनें गुड सेमेरिटन?
दुर्घटना की सूचना मिलने पर घायल को अस्पताल पहुँचाने वाले की जानकारी
- अस्पताल की तरफ से दर्ज की जाती है।
- या पुलिस द्वारा ली जाती है।
दोनों ही स्थिति में मददगार को एक पावती रसीद दी जाती है, जिसमें नाम, मोबाइल नंबर, पता, दुर्घटना का स्थान व समय दर्ज होता है। इसके बाद जिला स्तरीय मूल्यांकन समिति इनकी समीक्षा कर पुरस्कार के लिए चयन करती है।
जिला समिति करती है चयन
प्रत्येक जिले में जिला पदाधिकारी, वरीय पुलिस अधीक्षक, सिविल सर्जन और जिला परिवहन पदाधिकारी की एक समिति बनाई गई है, जो पावती रसीदों की समीक्षा कर उचित मददगारों का चयन करती है। इसके बाद गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस के मौके पर इन्हें सम्मानित किया जाता है।
2015 से लागू है योजना
इस योजना की शुरुआत मई 2015 में केंद्र सरकार की अधिसूचना के बाद की गई थी। तब से अब तक सैकड़ों लोग इसके अंतर्गत सम्मानित हो चुके हैं।
सड़क हादसे में घायलों की मदद करें, न डरें — कानून और सरकार आपके साथ है। आपके हौसले को मिलेगा इनाम भी और इज़्ज़त भी।