अंधेरे में चोरी छिपे चल रहा था निर्माण: रविवार की सुबह किशनगंज बीएसएफ सेक्टर की 63वीं बटालियन गस्ती के लिए गई थी. टीम ने देखा कि बांग्लादेशी नागरिक कुलिक नदी के तटबंध के साथ जीरो लाइन के 150 गज के अंदर किलेबंदी का काम कर रहे हैं. यह इलाका बांग्लादेश के बीजीबी बीओपी गोविंदपुर 42 बीजीबी के अंतर्गत आता है. वहीं यह काम रात के अंधेरे में चोरी छिपे किया जा रहा था. इसी दौरान सीमा पर गश्ती कर रहे बीएसएफ पेट्रोल टीम की नजर पड़ गई.
बीएसएफ ने निर्माण कार्य पर जताई कड़ी आपत्ति:बीएसएफ की नजर पड़ते ही फ्लैग मीटिंग करके बीजीबी अधिकारियों के समक्ष निर्माण कार्य पर कड़ी आपत्ति जताई गई और इसे तुरंत रुकवा दिया गया. साथ ही बीजीबी ने भविष्य में इस तरह का निर्माण न करने का आश्वासन भी दिया. दरअसल भारत-बांग्लादेश संयुक्त दिशा-निर्देशों के अनुसार अंतर्राष्ट्रीय सीमा के 150 गज के भीतर रक्षा संबंधी निर्माण कार्य प्रतिबंधित हैं. वहीं मौजूदा दिशा-निर्देशों के बावजूद बांग्लादेश बीजीबी ने इस तरह के काम जारी रखे है और सयुक्त दिशा निर्देश के नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं.
बांग्लादेश बीजीबी के साथ फ्लैग मीटिंग: वहीं बीएसएफ के आला अधिकारियों ने बांग्लादेश बीजीबी के साथ फ्लैग मीटिंग कर कड़ी आपत्ती के साथ हिदायत दी है. उन्होंने कहा कि बीएसएफ भारत-बांग्लादेश सीमा पर कड़ी निगरानी रखने के लिए प्रतिबद्ध है और वो लगातार सीमा पर गस्त लगाते हैं. जिस कारण निर्माण कार्य पर बीएसएफ के जवानों की नजर पड़ गई.
“किसी कारण से बांग्लादेश बीजीबी के द्वारा जीरो लाइन के अंदर किलेबंदी का काम कर रहे थे. इसकी जानकारी नहीं मिल पाई लेकिन जब उसकी सूचना मिली उसे तुरंत रोक दिया गया है.”-बीएसएफ
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