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पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश कार्यसमिति की अहम बैठक बुधवार को पटना के ज्ञान भवन में आयोजित की गई। लेकिन इस बैठक के दौरान पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे एक अजीब स्थिति में फंस गए, जब उन्हें मंच पर बैठने के लिए कोई जगह नहीं मिली

मंच पर नहीं मिली कुर्सी, कार्यक्रम से लौटे चौबे

बैठक का उद्घाटन करने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह स्वयं पटना पहुंचे थे। वे जैसे ही मंच की ओर बढ़े, अश्विनी चौबे भी उनके साथ मंच की ओर जाते नजर आए। मंच पर पहुंचने के बाद चौबे ने कुर्सियों पर नजर डाली, लेकिन वहां उनके नाम की कोई कुर्सी नहीं थी। मंच पर पहले से ही सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा, विनोद तावड़े सहित अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे।

इस स्थिति में अश्विनी चौबे बिना कुछ कहे मंच से उतर गए और कार्यक्रम स्थल से बाहर निकल गए। इसके बाद वे पूरे कार्यक्रम से ही चले गए।

सवालों पर दी सफाई, लेकिन चेहरे पर थी नाराज़गी

कार्यक्रम छोड़ने के बाद जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि मंच पर उन्हें कुर्सी क्यों नहीं मिली और वे बीच कार्यक्रम में क्यों लौट गए, तो उन्होंने सफाई देते हुए कहा—

“ऐसी कोई बात नहीं है। मुझे बाहर जाना था, राजनाथ जी से मिलने आया था। हॉल पूरा हमारा है।”

हालांकि उनके चेहरे के हाव-भाव से नाराजगी साफ झलक रही थी।

दो बार सांसद, कभी मोदी के करीबी माने जाते थे

गौरतलब है कि अश्विनी चौबे 2014 और 2019 में बक्सर लोकसभा सीट से सांसद चुने गए थे और मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रहे। हालांकि 2024 लोकसभा चुनाव में उन्हें टिकट नहीं मिला और पार्टी को बक्सर सीट पर हार का सामना करना पड़ा।

अश्विनी चौबे को कभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रबल समर्थक माना जाता था। यहां तक कि जब नीतीश कुमार और मोदी के बीच रिश्ते तनावपूर्ण थे, तब भी अश्विनी चौबे खुलकर मोदी के पक्ष में खड़े रहते थे। आज उन्हें प्रदेश भाजपा की महत्वपूर्ण बैठक में मंच पर स्थान नहीं दिया जाना राजनीतिक गलियारों में कई सवाल खड़े कर रहा है।