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सीवान / पटना, 13 मई 2025 —जम्मू-कश्मीर बॉर्डर पर पाकिस्तान की ओर से किए गए ड्रोन हमले में बिहार के सीवान जिले के बीएसएफ जवान रामबाबू सिंह (उम्र 28 वर्ष) शहीद हो गए। यह हमला 12 मई को हुआ था, जिसमें गंभीर रूप से घायल होने के बाद इलाज के दौरान सोमवार की रात उन्होंने अंतिम सांस ली। इस खबर से पूरे गांव और राज्य में शोक की लहर दौड़ गई है।

5 महीने पहले ही हुई थी शादी, पत्नी गर्भवती
शहीद रामबाबू सिंह की शादी 24 दिसंबर 2024 को धनबाद निवासी अंजलि सिंह से हुई थी। शादी के महज कुछ महीने बाद ही वे ड्यूटी पर जम्मू-कश्मीर रवाना हो गए थे। पत्नी इस समय गर्भवती हैं और परिवार ने उन्हें अभी तक शहादत की जानकारी नहीं दी है।

फोन पर पत्नी से हुई थी आखिरी बातचीत
हमले से ठीक कुछ घंटे पहले रामबाबू की पत्नी अंजलि से बातचीत हुई थी। वे जल्द ही छुट्टी पर घर आने वाले थे। उनके ससुर सुभाष चंद्र शर्मा ने बताया कि उन्हें 12 मई को दोपहर डेढ़ बजे सेना मुख्यालय से कॉल आया कि दामाद को गोली लगी है। कुछ घंटों बाद शहादत की खबर मिली।

गांव में मातम, घर लौटेगा बेटा तिरंगे में लिपटकर
सीवान के गौतम बुद्ध नगर थाना क्षेत्र के वसिलपुर गांव निवासी रामबाबू के शहीद होने की खबर जैसे ही गांव में पहुंची, चारों ओर मातम छा गया। मां बीमार रहती हैं, पिता रामविचार सिंह का दो साल पहले निधन हो चुका है। रामबाबू दो भाइयों में छोटे थे। बड़े भाई लोको पायलट हैं।

चाचा बोले – “कहा था, चाचा छुट्टी मिल गई है, आ रहा हूं”
शहीद के चाचा शशिकांत सिंह ने बताया कि हाल ही में फोन पर बात हुई थी। रामबाबू ने कहा था कि छुट्टी मिल गई है, जल्द ही घर आ रहा हूं। उन्होंने बताया कि रामबाबू ने 2018 में सेना जॉइन की थी और वे ग्रेजुएट थे।

राजकीय सम्मान से होगा अंतिम संस्कार
राज्य सरकार ने घोषणा की है कि शहीद जवान को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी और परिजनों को 50 लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाएगी।
शहीद का पार्थिव शरीर बुधवार को दोपहर 3-4 बजे तक गांव पहुंचने की उम्मीद है। गांववाले और परिजन तिरंगे में लिपटे अपने लाल की अंतिम झलक पाने के लिए बेसब्र हैं।


 

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