वाराणसी, 24 जून।केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज उत्तर प्रदेश के वाराणसी में मध्य क्षेत्रीय परिषद की 25वीं बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड के मुख्यमंत्रियों समेत कई राज्यों के वरिष्ठ मंत्री, गृह मंत्रालय के अधिकारी, मुख्य सचिव तथा विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के अधिकारी शामिल हुए।
बैठक की शुरुआत में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की दृढ़ इच्छाशक्ति और भारतीय सशस्त्र सेनाओं के पराक्रम के लिए अभिनंदन प्रस्ताव पारित किया गया, जिसे परिषद ने सर्वसम्मति से ध्वनिमत से अनुमोदित किया।
काशी बना विकास का आदर्श: शाह
अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के काशी से सांसद बनने के बाद यह नगरी विकास और सांस्कृतिक विरासत का संतुलन साधने वाली वैश्विक पहचान बन चुकी है। उन्होंने कहा कि अत्यंत व्यस्त रहते हुए भी प्रधानमंत्री मोदी ने अपने क्षेत्र के लिए जैसा समर्पण दिखाया है, वह जनप्रतिनिधियों के लिए एक प्रेरणा है।
मध्य क्षेत्रीय परिषद में कोई अंतर्संस्थागत विवाद नहीं
गृह मंत्री ने बताया कि मध्य क्षेत्रीय परिषद देश की एकमात्र क्षेत्रीय परिषद है, जहां सदस्य राज्यों के बीच कोई विवाद नहीं है। इसे उन्होंने “बहुत बड़ी प्रशासनिक और राजनीतिक सफलता” बताया।
क्षेत्रीय परिषदों की कार्यकुशलता में आई ऐतिहासिक बढ़ोतरी
उन्होंने कहा कि 2004 से 2014 तक क्षेत्रीय परिषदों की 11 बैठकें हुई थीं, जबकि 2014 से 2025 के बीच यह संख्या 28 तक पहुंच गई है। इसी तरह स्थायी समितियों की बैठकें भी 14 से बढ़कर 33 हुईं। इस अवधि में 1287 मुद्दों का समाधान किया गया जो कि दो गुना से भी अधिक वृद्धि है।
महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा
बैठक में कुल 19 राष्ट्रीय महत्व के विषयों पर विचार-विमर्श किया गया, जिनमें प्रमुख थे:
- महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध अपराधों की शीघ्र सुनवाई हेतु फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (FTSC) का विस्तार,
- हर गांव में बैंकिंग सेवाओं की भौतिक पहुंच सुनिश्चित करना,
- आपातकालीन सहायता प्रणाली (ERSS-112) का क्रियान्वयन,
- बच्चों में कुपोषण समाप्त करना,
- ड्रॉप-आउट दर को शून्य करने की दिशा में राज्य सरकारों का प्रयास।
पंचायती राज व्यवस्था को सशक्त बनाने का आह्वान
श्री शाह ने कहा कि ग्राम पंचायतों की स्वतंत्र राजस्व क्षमता को बढ़ाना आवश्यक है ताकि त्रिस्तरीय पंचायती राज प्रणाली को और अधिक प्रभावशाली बनाया जा सके।
सहकारी और प्रतिस्पर्धी संघवाद की दिशा में मजबूत पहल
गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने सहकारी और प्रतिस्पर्धी संघवाद को मजबूती दी है। क्षेत्रीय परिषदें अब राज्यों और केंद्र के बीच संवाद, समाधान और सहयोग का एक प्रभावशाली मंच बन चुकी हैं।
उन्होंने बताया कि राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 के अंतर्गत स्थापित क्षेत्रीय परिषदों में अब तक कुल 62 बैठकें आयोजित की जा चुकी हैं, जो आपसी समझ और सहयोग की दिशा में अहम भूमिका निभा रही हैं।