मुजफ्फरपुर व्यवहार न्यायालय में डिजिटल हिंसा पर एकदिवसीय जागरूकता कार्यक्रम, छात्राओं को दिए गए साइबर सुरक्षा के महत्वपूर्ण टिप्स

महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ तेजी से बढ़ रहे डिजिटल अपराधों को देखते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकार, मुजफ्फरपुर द्वारा मंगलवार को मुजफ्फरपुर व्यवहार न्यायालय परिसर स्थित डीबीआर भवन में एकदिवसीय विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव जयश्री कुमारी और सीजेएम राज कपूर ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।

इस कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं और छात्राओं को साइबर अपराधों की प्रकृति, उनसे बचाव और कानूनी उपायों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करना था।

कार्यक्रम में डिजिटल हिंसा के बढ़ते खतरे पर विस्तृत चर्चा

जागरूकता कार्यक्रम के दौरान विशेषज्ञों ने महिलाओं और लड़कियों से जुड़े कई गंभीर साइबर अपराधों पर प्रकाश डाला, जिनमें शामिल हैं—

  • मोर्फ्ड फोटो / वीडियो वायरल करना
  • ऑनलाइन उत्पीड़न और रिवेंज पॉर्न
  • साइबर स्टॉकिंग
  • सोशल मीडिया ट्रोलिंग
  • ब्लैकमेलिंग और फर्जी प्रोफाइल बनाना

कार्यक्रम में सीजेएम राज कपूर, एसीजेएम मृत्युंजय, जुडीशियल मजिस्ट्रेट निशांत कुमार ओझा, पैनल अधिवक्ता बालमुकुंद कुमार, एवं साइबर थाना अधिकारी मौजूद थे।
विशेष रूप से साइबर थाना स्पेशल जज मणिशंकर मणि ने छात्राओं को बताया कि ऐसे अपराध होने पर तुरंत क्या कदम उठाने चाहिए।

उन्होंने स्पष्ट कहा—

“सबसे पहले स्क्रीनशॉट व चैट जैसे सबूत सुरक्षित रखें, और तुरंत 1930 हेल्पलाइन या cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।”

छात्राओं ने भी व्यक्त की अपनी चिंता — “आज सतर्क रहना बेहद जरूरी”

कार्यक्रम में शामिल आरबीबीएम कॉलेज की छात्रा विशाखा ने डिजिटल युग में बढ़ते खतरों को लेकर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा—

“आज के समय में बहुत सतर्क रहने की जरूरत है। अपनी निजी फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर कभी शेयर न करें।”

उधर, साइबर थाना, मुजफ्फरपुर की महिला दारोगा सुचित्रा कुमारी ने कहा कि शिक्षा और जागरूकता ही साइबर अपराध से लड़ने का सबसे बड़ा हथियार है। उन्होंने छात्राओं को “एम-कवच” ऐप इंस्टॉल करने की भी सलाह दी।

“महिलाओं और लड़कियों को लगातार जागरूक करना जरूरी” — सचिव वंदना शर्मा

आकांक्षा सेवा सदन स्वयंसेवी संस्था की सचिव वंदना शर्मा ने कहा कि डिजिटल हिंसा रोकने के लिए सामाजिक स्तर पर सामूहिक प्रयास की जरूरत है।

उन्होंने कहा—

“हम लगातार महिलाओं और लड़कियों को डिजिटल हिंसा के प्रति जागरूक कर रहे हैं। इस समस्या पर सरकार और समाज दोनों को मिलकर काम करना होगा।”

“डिजिटल युग में एक क्लिक से बर्बाद हो सकती है जिंदगी” — सचिव जयश्री कुमारी

जिला विधिक सेवा प्राधिकार की सचिव जयश्री कुमारी ने कार्यक्रम के महत्व पर जोर देते हुए कहा—

“आज का दौर डिजिटल है, लेकिन इसके साथ डिजिटल हिंसा भी तेजी से बढ़ रही है। एक क्लिक में किसी की पूरी जिंदगी बर्बाद हो सकती है। ऐसे में जागरूकता और समय पर कानूनी कार्रवाई बेहद जरूरी है।”

उन्होंने बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण पीड़ित महिलाओं और लड़कियों को मुफ्त कानूनी सहायता उपलब्ध कराता है और उन्हें न्याय दिलाने में हर संभव मदद करता है।

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