पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में पटना साहिब सीट से भाजपा को बड़ा झटका लगा है। पटना की मेयर सीता साहू के पुत्र शिशिर कुमार ने पार्टी से नाराज होकर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल कर दिया है। उनके इस कदम ने राजधानी की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है।
टिकट नहीं मिलने पर लिया बड़ा कदम
भाजपा से लंबे समय से जुड़े शिशिर कुमार को उम्मीद थी कि इस बार उन्हें पटना साहिब सीट से पार्टी का टिकट मिलेगा। लेकिन टिकट वितरण में उनका नाम शामिल नहीं होने पर उन्होंने स्वतंत्र रूप से चुनाव मैदान में उतरने का फैसला किया। गुरुवार को उन्होंने समर्थकों के बीच अपना नामांकन दाखिल किया।
शिशिर कुमार के तेवर और उद्देश्य
नामांकन के बाद शिशिर कुमार ने कहा,
“आज पटना साहिब विधानसभा की धरती पर जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान अपार जनसमर्थन और आशीर्वाद प्राप्त हुआ। बच्चों की मुस्कान, माताओं का आशीर्वाद और युवाओं का उत्साह, सबने मिलकर यह स्पष्ट कर दिया कि पटना साहिब अब ठहराव नहीं, विकास की राह चाहता है।”
उन्होंने आगे कहा,
“हम सब मिलकर इस बार जनसेवा, समर्पण और स्वाभिमान के साथ नया पटना साहिब बनाएंगे। यह यात्रा बदलाव की शुरुआत है, जहां जनता आगे है और राजनीति पीछे। अब हर दिल से सिर्फ एक ही आवाज निकल रही है कि पटना साहिब का बेटा, शिशिर कुमार ही चाहिए।”
जन आशीर्वाद यात्रा में दिखा उत्साह
नामांकन से पहले शिशिर कुमार ने पटना साहिब क्षेत्र में जन आशीर्वाद यात्रा निकाली। महिलाओं, युवाओं और स्थानीय व्यापारियों ने उनका स्वागत किया। समर्थकों ने फूल-मालाओं से अभिनंदन किया और ‘पटना साहिब का बेटा’ के नारे लगाए।
भाजपा के लिए चुनौतीपूर्ण समीकरण
पटना साहिब सीट पारंपरिक रूप से भाजपा का मजबूत गढ़ मानी जाती है। पार्टी ने इस बार रत्नेश कुशवाहा को उम्मीदवार बनाया है। लेकिन शिशिर कुमार के निर्दलीय उतरने से त्रिकोणीय मुकाबले की संभावना बढ़ गई है।
वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण बागी ने कहा,
“शिशिर कुमार का स्थानीय जनाधार और मेयर परिवार से जुड़ाव उन्हें प्रभावशाली उम्मीदवार बनाता है। पटना में मेयर के क्षेत्र में कई विधानसभा सीट आती हैं और कई वार्ड पार्षदों का शिशिर से सीधा संबंध है, जो बूथ स्तर के वोटर को मतदान केंद्र तक खींच कर लाने वाले होते हैं। मेयर चुनाव की बागडोर भी शिशिर ने संभाली थी, इसलिए भाजपा के लिए यह सीट आसान नहीं होगी।”


