भागलपुर : आईटीबीपी डिप्टी कमांडेंट की आत्महत्या मामले में ललमटिया के पूर्व थानाध्यक्ष पर केस दर्ज

पटियाला/ललमटिया, 6 अक्टूबर 2025:भागलपुर के ललमटिया थाना क्षेत्र के पासीटोला निवासी आईटीबीपी के डिप्टी कमांडेंट आयुष दीपक ने शुक्रवार को पंजाब के पटियाला में अधिकारी मेस में आत्महत्या कर ली। मृतक के परिवार की शिकायत पर पटियाला के अर्बन एस्टेट थाने में ललमटिया के पूर्व थानाध्यक्ष राजीव रंजन के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।

आयुष चंडीगढ़ स्थित आईटीबीपी टीएचक्यू, 51वीं बटालियन में तैनात थे। उनका घर पासीटोला में बंद मिला, जबकि परिवार पटना गया हुआ था। पड़ोसियों ने बताया कि बीते 18 मई को ललमटिया पुलिस ने पासीटोला में अवैध शराब बरामदगी के लिए छापेमारी की थी, जिसमें महिलाओं और बच्चों के साथ मारपीट और अभद्रता की शिकायतें सामने आई थीं।

छापेमारी के दौरान विवाद

स्थानीय लोग बताते हैं कि छापेमारी के दौरान ज्योति भारती नाम की महिला ने पुलिस से महिलाओं और बच्चों के साथ दुर्व्यवहार रोकने का प्रयास किया। इसके बाद पुलिस और ज्योति भारती के बीच बहस हुई। कुछ देर बाद तीन गाड़ी फोर्स सीधे ज्योति भारती के घर पहुंच गई और छापेमारी शुरू कर दी।

पूर्व थानाध्यक्ष राजीव रंजन ने बताया कि उन्होंने उस दिन कमांडेंट को फोन कर कहा था कि रवि चौधरी के घर छापेमारी न की जाए, क्योंकि रवि चौधरी और उनका परिवार उनकी वृद्ध माता की देखभाल करता है। बावजूद इसके, छापेमारी की गई और 12 लीटर देसी शराब तथा अर्धनिर्मित शराब बरामद हुई। छापेमारी के दौरान रवि चौधरी मौके से भागने में सफल रहे।

सुसाइड नोट में थानाध्यक्ष को जिम्मेदार ठहराया

पटियाला पुलिस के अनुसार, मृतक ने अपने कमरे में फंदे से लटककर आत्महत्या की। उनके पास से दो सुसाइड नोट मिले—एक हिंदी और एक अंग्रेजी में। सुसाइड नोट में आयुष दीपक ने लिखा कि ललमटिया थानाध्यक्ष राजीव रंजन ने उनकी बहन के बाल नोचे और कपड़े फाड़े, और किसी ने उनकी मदद नहीं की। उन्होंने स्पष्ट रूप से पूर्व थानाध्यक्ष को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया।

ज्योति भारती पर पत्थरबाजी भड़काने का आरोप

ललमटिया थाने के दारोगा राज कुमार ने आवेदन में बताया कि छापेमारी के दौरान ज्योति भारती ने लोगों को पत्थरबाजी के लिए उकसाया। इसके चलते ज्योति भारती सहित 22 ज्ञात और 15-16 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था (केस नंबर 59/25)।

स्थानीय लोगों और पुलिस के बयानों से स्पष्ट है कि 18 मई की रात हुई यह घटना क्षेत्र में तनावपूर्ण रही। हालांकि सवाल यह उठता है कि यदि ज्योति भारती के घर पर छापेमारी नहीं हो रही थी, तो उन्होंने विरोध और उकसावे की भूमिका क्यों निभाई।

जांच जारी

पटियाला पुलिस ने मृतक के सुसाइड नोट और घटना स्थल के सबूतों के आधार पर जांच तेज कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही इस मामले में और खुलासे होने की संभावना है।


 

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