
गया (बिहार):
दिल्ली में हुए एक दर्दनाक सड़क हादसे में गया जिले के इमामगंज प्रखंड के चपरी गांव के चार लोगों की मौत हो गई, जबकि दर्जनों लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। यह हादसा उस वक्त हुआ जब पिकअप वैन से करीब 25 से 30 लोग हरियाणा की ओर पलायन कर रहे थे। दिल्ली में पिकअप वैन का टायर फटने के कारण वाहन पलट गया, जिससे मौके पर ही एक पुरुष सहित तीन बच्चों की मौत हो गई और कई अन्य लोग घायल हो गए।
शवों और घायलों को दिल्ली से गांव लाया गया
शनिवार को सभी मृतकों के शव और घायलों को दिल्ली से एंबुलेंस व मिनी बस के ज़रिए चपरी गांव लाया गया। गांव पहुंचते ही परिजनों में कोहराम मच गया। चीख-पुकार के बीच पूरे गांव में मातम पसर गया। इस दौरान विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता और समाजसेवी मौके पर मौजूद रहे और पीड़ित परिवारों को ढांढस बंधाते नजर आए।
स्थानीय विधायक दीपा मांझी नदारत, परिजनों में आक्रोश
हादसे के बाद जब शव गांव लाए गए, तब स्थानीय विधायक दीपा मांझी की गैरमौजूदगी को लेकर परिजनों में खासा आक्रोश देखा गया। लोगों ने आरोप लगाया कि ऐसे संकट की घड़ी में क्षेत्रीय प्रतिनिधि का न आना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। वहीं, विभिन्न राजनीतिक दलों और समाजसेवियों ने मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपए मुआवजा और घायलों को समुचित सहायता देने की मांग की है।
केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने की मदद
हादसे की सूचना मिलते ही पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने तत्परता दिखाते हुए अपने निजी खर्च पर दिल्ली में घायलों की देखभाल का प्रबंध कराया। उन्होंने अपने प्रतिनिधियों को अस्पताल भेजा और सभी घायलों को इमामगंज भेजने की व्यवस्था की। मृतकों के शवों को भी एंबुलेंस और मिनी बस से गांव तक पहुंचाया गया।
मुख्यमंत्री ने घोषित की सहायता राशि
इमामगंज के पूर्व विधायक प्रतिनिधि वीरेंद्र डांगी ने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। डांगी ने बताया कि सरकार को चाहिए कि वह घायलों को भी इलाज और मुआवजे की समुचित व्यवस्था दे।
रोजगार की मांग, पलायन पर सवाल
हादसे के बाद परिजनों ने कहा कि यदि गांव में रोजगार की सुविधा होती, तो उन्हें दिल्ली और हरियाणा पलायन नहीं करना पड़ता। उन्होंने सरकार से मांग की कि उन्हें रोजगार, उचित मुआवजा और नौकरी उपलब्ध कराई जाए, जिससे भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।