पटना, 29 मई 2025 —ग्रामीण क्षेत्रों की कनेक्टिविटी को और अधिक सशक्त करने की दिशा में बिहार सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क सुदृढ़ीकरण एवं प्रबंधन कार्यक्रम के अंतर्गत पटना प्रमंडल की 2,182 सड़कों, जिनकी कुल लंबाई लगभग 4,116 किलोमीटर है, को सुदृढ़ किया जाएगा। इस परियोजना पर कुल 3,677 करोड़ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है।
जिलेवार सड़कों का विवरण
जिला | सड़कों की संख्या | कुल लंबाई (किमी) |
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पटना | 553 | 792.931 |
नालंदा | 434 | 667.319 |
भोजपुर | 341 | 691.751 |
बक्सर | 294 | 595.586 |
रोहतास | 366 | 933.827 |
कैमूर | 194 | 435.162 |
इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि पटना, रोहतास और भोजपुर जिले इस योजना में सबसे अधिक लाभान्वित होंगे।
राज्य भर में 13,943 ग्रामीण पथों की पहचान
इस कार्यक्रम के तहत पूरे राज्य में 31 मार्च 2024 तक पंचवर्षीय अनुरक्षण अवधि से बाहर हो चुकी 13,943 ग्रामीण सड़कों की पहचान की गई है, जिनकी कुल लंबाई 24,313 किमी है। इन सभी सड़कों को जून 2025 तक पॉटलेस (गड्ढामुक्त) किया जाना है, जिसके बाद इन्हें सरफेस लेयर तक सुदृढ़ किया जाएगा।
स्थायित्व बढ़ाने हेतु दो बार कालीकरण
इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक सड़क का सात वर्षों में दो बार कालीकरण किया जाएगा ताकि उनकी सतह मजबूत बनी रहे और राइडिंग क्वालिटी में कमी न आए। सभी संवेदकों को निर्देशित किया गया है कि वे “रूरल रोड रिपेयर व्हीकल” अपने पास रखें ताकि क्षतिग्रस्त सड़कों की तुरंत मरम्मत की जा सके।
ग्रामीण क्षेत्रों की कनेक्टिविटी को मिलेगा बढ़ावा
ग्रामीण कार्य विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री दीपक कुमार सिंह ने कहा:
“यह कार्यक्रम बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों की कनेक्टिविटी को सुगम और सुदृढ़ बनाने की दिशा में एक अच्छी पहल है। इसके माध्यम से न केवल आवागमन की सुगमता सुनिश्चित होगी, बल्कि कृषि, स्वास्थ्य एवं शिक्षा जैसी आवश्यक सेवाओं तक ग्रामीण आबादी की पहुंच भी सुलभ हो सकेगी।”
नवाचार एवं गुणवत्ता की ओर एक निर्णायक कदम
यह सुदृढ़ीकरण अभियान न केवल बुनियादी ढांचे की मजबूती सुनिश्चित करेगा, बल्कि ग्रामीण जनता को बेहतर यात्रा अनुभव, आर्थिक लाभ, और सामाजिक सेवाओं तक आसान पहुँच भी प्रदान करेगा।
राज्य सरकार की यह पहल ग्रामीण सड़कों के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव लाने की ओर अग्रसर है।