बिहार की राजनीति में बाहुबली छवि वाले नेता अनंत सिंह की गिरफ्तारी ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। चुनावी माहौल के बीच यह गिरफ्तारी जिस शांतिपूर्ण तरीके से हुई, उसने सबका ध्यान खींचा है। सूत्रों के मुताबिक, गिरफ्तारी से पहले अनंत सिंह को “ऊपर से आदेश” मिलने की जानकारी थी और उन्होंने खुद अपने समर्थकों से शांति बनाए रखने की अपील की थी।
“जी जैसन अपने के आदेश होतय…” — गिरफ्तारी से पहले का पल
जानकारी के अनुसार, गिरफ्तारी से कुछ घंटे पहले अनंत सिंह को अपने करीबी सूत्रों से संकेत मिल चुका था। बताया जाता है कि उन्होंने अपने सहयोगियों से कहा —
“जी जैसन अपने के आदेश होतय। ठीक हय जा हीअय आर की…”
इसके बाद उन्होंने अपने सेवादार से कहा —
“लाओ अंगा रे… अ चल नदवा।”
शाम को वे नदवा स्थित मंदिर में आशीर्वाद लेने पहुंचे और फिर रात करीब 10 बजे कारगिल में भोजन करने के बाद अपने निवास पर लौट आए। तभी उन्हें सूचना मिली कि पुलिस उनके घर पहुंचने वाली है। अनंत सिंह ने तुरंत अपने समर्थकों को शांत रहने का निर्देश दिया और कहा कि –
“कोई हो-हल्ला नहीं करेगा, सबकुछ शांतिपूर्ण ढंग से होगा, साहब का आदेश है।”
राजनीतिक समीकरणों के बीच आई गिरफ्तारी
माना जा रहा है कि मोकामा में उसी दिन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सभाएं प्रस्तावित थीं। ऐसे में यदि अनंत सिंह बाहर रहते, तो माहौल बिगड़ सकता था और समाज में अलग संदेश जा सकता था।
राजनीतिक सूत्र बताते हैं कि इससे सीएम नीतीश कुमार की छवि पर भी सवाल उठ सकते थे। इसलिए परिस्थितियों को देखते हुए, अनंत सिंह की गिरफ्तारी को तत्काल अंजाम देने का फैसला किया गया।
चुनावी रणनीति भी बनी बड़ी वजह
इस गिरफ्तारी के पीछे सिर्फ कानून-व्यवस्था नहीं, बल्कि चुनावी रणनीति भी मानी जा रही है।
एनडीए के लिए यह कदम इसलिए अहम माना जा रहा है क्योंकि राजद इस मुद्दे को बड़ा बनाकर सियासी फायदा उठाने की तैयारी में थी।
विश्लेषकों का मानना है कि यह फैसला ऐसे समय में लिया गया जब एनडीए को पता था कि इस क्षेत्र में उन्हें अतिरिक्त मेहनत की आवश्यकता नहीं है, लेकिन विपक्ष के पास इस मुद्दे से हवा बनाने का मौका था।


