
भागलपुर, 28 मई 2025 — बिहार सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण के लिए चलाए जा रहे “महिला संवाद कार्यक्रम” से प्रदेश भर में नई ऊर्जा और उम्मीद की लहर देखी जा रही है। महिलाओं की आकांक्षाएं अब सीधे सरकार तक पहुंच रही हैं और उन पर विभागीय कार्रवाई भी तेज़ी से हो रही है।
40 दिनों में 1215 स्थानों पर हुआ आयोजन
राज्य भर में पिछले 40 दिनों से चल रहे महिला संवाद कार्यक्रमों के अंतर्गत अब तक 1215 स्थानों पर सफल आयोजन हो चुका है। इन आयोजनों में अब तक 2 लाख 61 हजार से अधिक महिलाएं सक्रिय रूप से भाग ले चुकी हैं। हर दिन औसतन 7 हजार से अधिक महिलाएं संवाद का हिस्सा बन रही हैं।
23,365 आकांक्षाएं दर्ज, त्वरित विभागीय कार्रवाई शुरू
कार्यक्रम के दौरान मोबाइल एप के माध्यम से महिलाओं की 23,365 आकांक्षाएं दर्ज की जा चुकी हैं। इन आकांक्षाओं को विभागवार वर्गीकृत कर संबंधित विभागों को भेजा जा रहा है ताकि समयबद्ध निष्पादन सुनिश्चित हो सके। सरकार का उद्देश्य केवल संवाद नहीं, बल्कि ठोस कार्रवाई के माध्यम से महिलाओं की समस्याओं और जरूरतों को दूर करना है।
रोजगार, शिक्षा और बुनियादी सुविधाएं बनी प्राथमिक मांगें
संवाद कार्यक्रमों में महिलाओं ने व्यक्तिगत मांगों के साथ-साथ सामुदायिक विकास, बुनियादी ढांचे के सुधार, और रोजगार के अवसरों में वृद्धि जैसे मुद्दों को प्राथमिकता दी है। बड़ी संख्या में महिलाओं ने यह भी स्वीकार किया कि सरकारी योजनाओं के चलते उन्हें आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिला है, लेकिन अभी और प्रयासों की ज़रूरत है।
जीविका से मिली नई पहचान: साधना देवी और काजल कुमारी की कहानी
भागलपुर के जगदीशपुर प्रखंड में संवाद में भाग लेती हुई साधना देवी ने कहा, “मैंने पहले कभी अपने घर के बाहर कदम नहीं रखा था, लेकिन आज मैं आत्मनिर्भर हूं। जीविका ने मुझे हौसला दिया, साधन दिए, जिससे आज मैं अपने पैरों पर खड़ी हूं।”
वहीं बिहपुर प्रखंड की काजल कुमारी ने बताया कि वह सरकार की प्रोत्साहन राशि से उच्च शिक्षा प्राप्त कर रही हैं। उनका सपना शिक्षक बनकर समाज में ज्ञान का प्रसार करना है।
सरकार और समाज के बीच मजबूत संवाद का पुल
महिला संवाद कार्यक्रम न केवल सरकारी योजनाओं की प्रभावशीलता को परखने का एक माध्यम बन रहा है, बल्कि यह महिलाओं को अपनी बात कहने का एक मंच भी प्रदान कर रहा है। सरकार की पहल से यह स्पष्ट हो गया है कि अब नीति निर्माण महिलाओं की आवाज से प्रेरित होकर आगे बढ़ेगा।