भागलपुर जिले के ग्रामीण इलाकों में महिलाओं की आकांक्षाओं को अब नई दिशा और गति मिल रही है। “महिला संवाद” कार्यक्रम के माध्यम से वे न केवल अपने सपनों और आवश्यकताओं को स्वर दे रही हैं, बल्कि सरकार की योजनाओं में अपेक्षित सुधार की भी खुलकर मांग कर रही हैं।
अब तक 165 ग्राम संगठनों में संवाद, 38 हजार से अधिक महिलाएं हुईं शामिल
संवाद कार्यक्रम के छठे दिन तक जिले के विभिन्न प्रखंडों के 165 ग्राम संगठनों में महिला संवाद का सफल आयोजन हो चुका है। इस कार्यक्रम में अब तक 38 हजार से अधिक महिलाएं भाग ले चुकी हैं। कार्यक्रम के दौरान महिलाओं को वीडियो फिल्मों के माध्यम से सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी जा रही है और खुला संवाद मंच प्रदान किया गया है, जिसमें वे अपनी आकांक्षाओं और सुझावों को साझा कर रही हैं।
सरकारी नीतियों में होगा महिलाओं की बातों का समावेश
महिलाओं द्वारा साझा की गई आकांक्षाओं की ऑनलाइन प्रविष्टि की जा रही है, ताकि उनके सुझावों और जरूरतों को आने वाली सरकारी नीतियों में सम्मिलित किया जा सके। यह महिला संवाद कार्यक्रम सरकार की जन-केंद्रित और दूरदर्शी सोच का परिचायक है।
स्वच्छता, शिक्षा और स्थानीय रोजगार की मांग प्रमुख
महिलाएं स्वस्थ और स्वच्छ गाँव, गंंदे पानी की निकासी की मुकम्मल व्यवस्था, नल-जल योजना में सुधार, शिक्षण-प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना, और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर जैसे मुद्दों को प्राथमिकता दे रही हैं। उनका कहना है कि उनके बच्चे आजीविका की तलाश में दूर प्रदेशों में न जाएं, इसके लिए गाँव में ही रोजगार की व्यवस्था होनी चाहिए।
स्वरोजगार की राह पर महिलाएं, बढ़ा रही आत्मनिर्भरता की ओर कदम
सरकार की योजनाओं से लाभान्वित होकर कई महिलाएं स्वरोजगार और उद्यमिता की राह पर अग्रसर हैं। वे सिलाई, बुनाई, पशुपालन, सब्जी उत्पादन जैसे कार्यों में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं और दूसरों के लिए प्रेरणा बन रही हैं। यह बदलाव महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
“अब हमारी मंशा पूरे आसमान में उड़ान भरने की है”
महिलाओं का आत्मविश्वास और जागरूकता यह दर्शाता है कि वे अब केवल सुनने वाली नहीं, बल्कि कहने और बदलाव लाने वाली बन चुकी हैं। महिला संवाद न केवल एक कार्यक्रम है, बल्कि यह एक क्रांति की शुरुआत है, जिसमें हर ग्रामीण महिला अपनी भूमिका निभा रही है।