1751089873015
WhatsApp Channel VOB का चैनल JOIN करें

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में महिला सशक्तिकरण को मिली नई ऊंचाई, पंचायती राज विभाग की अहम भूमिका

पटना, 28 जून।बिहार में महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में एक और ऐतिहासिक कदम बढ़ाया गया है। राज्य की 29 ग्राम पंचायतों की कमान अब महिला जन प्रतिनिधियों के हाथों में है। ये पंचायतें राज्य सरकार की “आदर्श महिला हितैषी ग्राम पंचायत” योजना के अंतर्गत चयनित 38 पंचायतों में से हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में पंचायती राज संस्थाओं के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए चलाए जा रहे प्रयास अब ज़मीन पर ठोस रूप ले चुके हैं।


महिलाओं को मिल रही निर्णायक भागीदारी

  • राज्य की 50% से अधिक ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों और जिला परिषदों का नेतृत्व अब महिलाएं कर रही हैं।
  • वर्ष 2005 में पंचायती राज और नगर निकायों में महिलाओं को 50% आरक्षण देने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया था।
  • पंचायती राज मंत्री केदार प्रसाद गुप्ता के अनुसार, महिलाओं को अधिकार के साथ-साथ नेतृत्व विकास का भी पूरा प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

सशक्त पंचायत-नेत्री अभियान की शुरुआत

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2025 के अवसर पर 4–5 मार्च को नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में “सशक्त पंचायत-नेत्री अभियान” की शुरुआत हुई।
इस अभियान के तहत हर राज्य के प्रत्येक जिले से एक पंचायत को आदर्श महिला हितैषी ग्राम पंचायत के रूप में चयनित किया गया। इसके बाद 5 मार्च को बिहार में भी राज्य स्तर पर पंचायतों का चयन हुआ।


प्रशिक्षण और तकनीकी सशक्तिकरण पर जोर

महिला प्रतिनिधियों को निम्नलिखित विषयों पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है:

  • ई-ग्राम स्वराज पोर्टल का उपयोग
  • वित्तीय प्रबंधन
  • प्रशासनिक प्रक्रियाएं
  • सामाजिक नेतृत्व कौशल

यह पहल उन्हें एक सशक्त और प्रभावशाली नेतृत्वकर्ता के रूप में तैयार करने की दिशा में की जा रही है।


राष्ट्रीय स्तर पर भी चमक रही बिहार की महिला पंचायतें

  • राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार 2024 में बिहार की तीन ग्राम पंचायतों को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। इनमें से दो पंचायतों की मुखिया महिलाएं हैं:
    • पुनहाड़ा, जहानाबाद – मुखिया निभा कुमारी
    • परथु, नालंदा – मुखिया तृप्ति कुमारी
  • राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस 2025 पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोतीपुर ग्राम पंचायत (रोसड़ा प्रखंड, समस्तीपुर) को
    क्लाइमेट एक्शन विशेष पंचायत पुरस्कार-2025” में तृतीय स्थान प्रदान किया। इस पंचायत की मुखिया हैं प्रेमा देवी

पंचायती राज मंत्री का वक्तव्य

पंचायती राज मंत्री केदार प्रसाद गुप्ता ने कहा:

“ग्राम पंचायतों का विकास ही राज्य के विकास की नींव है। महिला नेतृत्व को सशक्त करने के लिए उन्हें अधिकारों के साथ प्रशिक्षण और तकनीकी सहयोग दिया जा रहा है।”


नतीजा: गांवों में दिख रहा है महिला नेतृत्व का असर

पंचायती राज विभाग की सक्रियता और मुख्यमंत्री के स्पष्ट विज़न के चलते आज बिहार की महिलाएं न सिर्फ निर्णय लेने की प्रक्रिया का हिस्सा हैं, बल्कि ग्राम विकास की अगुवा बनकर उभरी हैं।