पटना, 10 मई 2025: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनज़र भारत सरकार के गृह मंत्रालय और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (MIB) ने मीडिया के लिए अहम गाइडलाइन्स जारी की हैं। इन दिशानिर्देशों का मकसद अफवाहों, भ्रामक खबरों और सैन्य जानकारी के लीक को रोकना है। सरकार ने मीडिया से अपील की है कि वे किसी भी हाल में भारतीय सेना की गतिविधियों, उनकी लोकेशन या अभियान संबंधी सूचनाएं सार्वजनिक मंचों पर साझा न करें।
गाइडलाइन्स में यह स्पष्ट किया गया है कि किसी भी खबर को प्रकाशित या प्रसारित करने से पहले यह सुनिश्चित किया जाए कि वह भारत की संप्रभुता, अखंडता, सुरक्षा एवं अन्य देशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों को नुकसान न पहुंचाए। इसके अलावा, हिंसा फैलाने या सार्वजनिक व्यवस्था को बाधित करने वाली सामग्री से भी परहेज करने की हिदायत दी गई है।
सरकार ने OTT प्लेटफॉर्म्स और अन्य मीडिया स्ट्रीमिंग सेवाओं को यह निर्देश भी दिया है कि वे पाकिस्तान में निर्मित सभी वेब सीरीज, फिल्में, गाने, पॉडकास्ट एवं डिजिटल सामग्री को तत्काल प्रभाव से हटा दें।
WJAI ने किया सरकार के फैसले का समर्थन
वेब जर्नलिस्ट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (WJAI) ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की इस पहल का स्वागत किया है। संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री आनंद कौशल ने सभी वेब पत्रकारों और मीडिया पब्लिशर्स से अपील की है कि वे सरकार द्वारा जारी निर्देशों का सख्ती से पालन करें।
उन्होंने कहा, “हमारा देश हमेशा शांति और अहिंसा में विश्वास करता है। लेकिन हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले में निर्दोष नागरिकों की हत्या के बाद, भारतीय सेना ने आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय सेना ने पाकिस्तान में स्थित आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया, जिसके बाद पाकिस्तान ने बौखलाहट में भारत के खिलाफ अघोषित युद्ध छेड़ दिया है।”
आनंद कौशल ने आगे कहा कि भारतीय सेना की वीरता और साहस की जितनी सराहना की जाए कम है। साथ ही उन्होंने वेब मीडिया से आग्रह किया कि किसी भी खबर को प्रसारित करने से पहले उसकी सत्यता की जांच जरूर करें और अफवाहों से बचें।
देशहित में सावधानी जरूरी
WJAI ने दोहराया कि इस संवेदनशील समय में देश की सुरक्षा और अखंडता को प्राथमिकता देना हर पत्रकार और मीडिया संगठन की नैतिक जिम्मेदारी है। सोशल मीडिया और वेब मीडिया पर फैलने वाली अफवाहें राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डाल सकती हैं, इसलिए सभी पत्रकारों को सचेत रहना चाहिए।