पटना – जेडीयू के अंदर वक्फ बिल को लेकर मचे घमासान के बीच रविवार को बिहार की सियासत उस वक्त गर्मा गई, जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अचानक जेडीयू सांसद और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह के आवास पहुंच गए। इस अप्रत्याशित मुलाकात ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है और चर्चाओं का दौर तेज हो गया है।
अचानक क्यों पहुंचे नीतीश कुमार?
जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रविवार दोपहर अपने सरकारी आवास से निकले और सीधे ललन सिंह के आवास पहुंचे। वहां उन्होंने करीब 15 मिनट तक ललन सिंह से बातचीत की। बीते कुछ महीनों में नीतीश कुमार का ललन सिंह के आवास जाना कम ही देखने को मिला है, ऐसे में इस मुलाकात को लेकर कयासों का बाजार गर्म हो गया है।
पीएम के दौरे को लेकर हुई चर्चा?
सूत्रों की मानें तो नीतीश कुमार और ललन सिंह के बीच यह मुलाकात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संभावित बिहार दौरे को लेकर फीडबैक लेने के लिए हो सकती है। चूंकि ललन सिंह केंद्र सरकार में मंत्री हैं और दिल्ली की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं, ऐसे में सीएम का उनसे सीधे मिलकर जानकारी लेना, इस बात की ओर इशारा करता है।
वक्फ बिल और पार्टी में भीतरघात भी कारण?
वहीं दूसरी ओर, यह भी माना जा रहा है कि वक्फ बिल को लेकर जेडीयू में मचे विरोध और भगदड़ के माहौल ने मुख्यमंत्री को चिंतित कर दिया है। पार्टी में कुछ विधायकों और नेताओं की नाराजगी, और विपक्षी दलों की बयानबाजी के बीच नीतीश कुमार खुद स्थिति को संभालने के लिए वरिष्ठ नेताओं से व्यक्तिगत मुलाकातें कर रहे हैं।
क्या हैं सियासी मायने?
- जेडीयू के अंदर चल रही असंतोष की लहर को शांत करने की कोशिश।
- 2024 लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र संगठन को मजबूत करने की कवायद।
- ललन सिंह की नाराजगी या अलग रुख की अटकलों को खत्म करने की पहल।
- भाजपा और केंद्र सरकार से जुड़े मुद्दों पर आपसी समन्वय बनाना।
निष्कर्ष
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह की यह अचानक मुलाकात ऐसे समय पर हुई है जब जेडीयू के अंदर सियासी घमासान मचा हुआ है। ऐसे में इस बैठक को सिर्फ सामान्य शिष्टाचार मानना मुश्किल है। सियासी विश्लेषकों की मानें तो नीतीश कुमार अब पार्टी को अंदर से मजबूत करने की कवायद में जुट गए हैं, और आने वाले दिनों में ऐसे कई और समीकरण देखने को मिल सकते हैं।
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