अमित कात्याल कौन? लालू यादव का करीबी निकला बिहार का धनकुबेर, ED ने जब्त की संपत्ति

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के करीबी अमित कात्याल की संपत्ति ईडी ने जब्त कर ली है। मंगलवार को ईडी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए उसकी 56 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति पर एजेंसी ने कार्रवाई की। बताया जा रहा है कि कई संपत्तियां गुड़गांव और दिल्ली की हैं। ईडी ने धन-शोधन निवारण अधिनियम, 2002 (पीएमएलए) के तहत ये कार्रवाई की। ईडी ने उन्हें गिरफ्तार भी किया था। हालांकि कोर्ट से उन्हें जमानत भी मिल गई थी। आइए जानते हैं अमित कात्याल कौन है और उस पर क्या आरोप हैं।

अमित कात्याल कौन?

अमित कात्याल पेशे से सीए है। जानकारी के अनुसार, अमित कात्याल पर प्लॉट खरीदारों के पैसे की हेराफेरी और अवैध रूप से डायवर्ट करने का आरोप है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अमित कात्याल की मेसर्स कृष रियलटेक प्राइवेट लिमिटेड के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ये कार्रवाई की। इसके अलावा, ईडी ने चार दिन पहले 18 अक्टूबर को दो परिसरों में रेड कर तलाशी ली थी। जिसमें 35 लाख रुपये नकद और कुछ आपत्तिजनक सामग्री बरामद हुई। जांच के दौरान अमित के भाई राजेश कत्याल को 19 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया। विशेष न्यायालय ने उसे सात दिनों के लिए ईडी की रिमांड पर भेज दिया है।

कई निवेशकों को दिया धोखा

ईडी ने अमित कत्याल के साथ ही राजेश कत्याल और उसके सहयोगियों के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की थी। जिसमें आरोप लगाया गया है कि आरोपियों ने रियल एस्टेट बिजनेस में लगे मेसर्स कृष रियलटेक प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स ब्रह्मा सिटी प्राइवेट लिमिटेड के जरिए कई निवेशकों को धोखा दिया है। उन पर अवैध रूप से करोड़ों रुपये विदेश भेजने का भी आरोप है।

लालू प्रसाद यादव का करीबी

इससे पहले ईडी ने यह दावा भी किया था कि कात्याल एके इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड का डायरेक्टर है। आरोप है कि कात्याल ने लालू प्रसाद यादव की ओर से नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों से जमीन खरीदी थी। बता दें कि बिहार का लैंड फॉर जॉब घोटाला काफी चर्चा में रहा था। जिसमें आरोप थे कि जॉब के बदले बेरोजगार युवाओं से जमीन ले ली गई। कात्याल को इससे पहले ईडी ने 11 नवंबर, 2023 को पीएमएलए के तहत गिरफ्तार किया था।

क्या है लैंड फॉर जॉब मामला?

लालू परिवार पर जमीन के बदले नौकरी घोटाले का आरोप है। तब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे। उनके परिवार पर आरोप है कि उन्होंने रेलवे में नौकरी के बदले लोगों से रिश्वत के रूप में जमीन ले ली थी। ईडी ने इस मामले में 1000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है। ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की ओर से दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर दर्ज किया है। लालू यादव, तेजस्वी यादव के अलावा आठ अन्य इस मामले में आरोपी हैं। फिलहाल उन्हें जमानत मिली हुई है। ईडी की इस कार्रवाई के बाद कहा जा रहा है कि लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार की मुश्किलें भी बढ़ सकती हैं।

WhatsApp Channel VOB का चैनल JOIN करें

Sumit ZaaDav

Hi, myself Sumit ZaaDav from vob. I love updating Web news, creating news reels and video. I have four years experience of digital media.

Related Posts

शीतकालीन सत्र में तेजस्वी की अनुपस्थिति पर सियासत तेज, जदयू का हमला — “विपक्ष टुअर हो गया”

Share पटना। बिहार विधानसभा शीतकालीन सत्र के दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की लगातार गैरमौजूदगी को लेकर राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। तेजस्वी सत्र के पहले दिन शपथ ग्रहण…

बिहार की जेलों में हाईटेक सुरक्षा: 53 कारागारों में लगाए जाएंगे 9,073 सीसीटीवी कैमरे, 155 करोड़ की योजना मंजूर

Share पटना। बिहार सरकार ने राज्य की जेलों को अत्याधुनिक तकनीक से लैस करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। उपमुख्यमंत्री सह गृह मंत्री सम्राट चौधरी ने गुरुवार को…