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अब किस बात का डर? केके पाठक के हटते ही अपना रंग दिखाने लगे शिक्षक, खगड़िया में आपस में भिड़े प्रिंसिपल और टीचर

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बिहार के शिक्षा विभाग के एसीएस के के पाठक छुट्टी पर क्या गये, शिक्षकों को मानो मनमानी की छूट ही मिल गयी हो. तभी तो खगड़िया के एक स्कूल से शर्मिंदा करनेवाला वाकया सामने आया है. यहां एक स्कूल के प्रिंसिपल और शिक्षक के बीच पहले तू-तू, मैं-मैं हुई और फिर दोनों के बीच जमकर मारपीट भी हुई।

भूल गये पद की गरिमाः घटना खगड़िया जिले को गोगरी प्रखंड स्थित मध्य विद्यालय मदारपुर की है. जहां प्रिंसिपल और टीचर में जमकर मारपीट हुई. इस घटना के बाद स्थानीय लोगों के साथ-साथ शिक्षा विभाग भी सकते में हैं. लोग सवाल उठा रहे हैं कि बच्चों को शिक्षा देनेवाले शिक्षक ही जब सही-गलत की समझ भुला बैठेंगे तो बच्चे क्या करेंगे?

मामले पर गंभीर हैं जिला शिक्षा पदाधिकारी: प्रिंसिपल और टीचर के बीच मारपीट की घटना को खगड़िया के जिला शिक्षा पदाधिकारी कृष्ण मोहन ठाकुर ने गंभीरता से लिया है. उन्होंने कहा कि “शिक्षक और प्रिसिपल का इस तरह का क्रियाकलाप कहीं से भी उचित नहीं है. जांच प्रतिवेदन आने के बाद संबंधित दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.”

लंबी छुट्टी पर गये हैं केके पाठकः अपनी सख्ती के कारण सुर्खियों में रहे शिक्षा विभाग के एसीएस के के पाठक इन दिनों छुट्टी पर हैं. इसका असर स्कूलों की व्यवस्थाओं पर भी दिखने लगा है. खगड़िया के गोगरी में शिक्षकों के बीच मारपीट की ये ताजा घटना इस बात का पुख्ता प्रमाण भी दे रही है।

शिक्षकों के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारीः शिक्षा मानव जीवन का श्रृंगार है और शिक्षकों के कंधों के ऊपर ये महती जिम्मेदारी रहती है कि वो बच्चों को किताबी ज्ञान के साथ-साथ जीवन में उच्च आदर्श अपनाने का भी पाठ पढ़ाएं, लेकिन ये तभी संभव है जब स्वयं शिक्षक भी उच्च आदर्शों का पालन करें।

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