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बिहार में बाढ़ नियंत्रण को लेकर जल संसाधन विभाग पूरी तरह मुस्तैद, 24×7 केंद्रीय नियंत्रण कक्ष सक्रिय

ByKumar Aditya

जून 4, 2025
Flood in Bhagalpur 1 1 scaled

पटना।बिहार में संभावित बाढ़ आपदा को लेकर जल संसाधन विभाग पूरी तरह सतर्क और सक्रिय हो गया है। बाढ़ अवधि 1 जून से 31 अक्टूबर 2025 के दौरान राज्य में बाढ़ नियंत्रण और आपदा प्रबंधन के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं। इसी कड़ी में सचिवालय स्थित सिंचाई भवन में केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष 24×7 सक्रिय कर दिया गया है, जो लगातार निगरानी और नियंत्रण का काम करेगा।

राज्यभर में क्षेत्रीय नियंत्रण कक्ष भी तैयार

बाढ़ प्रबंधन को सशक्त बनाने के लिए राज्य के सभी मुख्य अभियंताओं के अधीन क्षेत्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष भी इसी अवधि में सक्रिय रहेंगे। ये नियंत्रण कक्ष बाढ़ संबंधी सभी सूचनाएं समय पर केंद्रीय कक्ष, पटना को भेजेंगे। इसका प्रत्यक्ष नियंत्रण मुख्य अभियंता (योजना एवं मॉनिटरिंग), पटना के अधीन रहेगा।

जनता कर सकेगी सीधे शिकायत और सूचना

राज्य की जनता बाढ़, तटबंध कटाव, सीपेज, पाइपिंग, या अन्य आकस्मिक आपदाओं की सूचना टोल फ्री नंबर 1800-3456-145 अथवा फोन नंबर 0612-2206669 व 0612-2215850 पर सीधे दे सकती है। इन पर प्राप्त शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई की व्यवस्था की गई है।

तटबंध सुरक्षा और बाढ़ गश्ती के पुख्ता इंतजाम

बाढ़ मौसम के दौरान तटबंधों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बाढ़ गश्ती की प्रभावी व्यवस्था बनाई गई है। मुख्य अभियंताओं द्वारा निर्गत बाढ़ गश्ती नियमावली के अनुसार सभी पदाधिकारी अपने क्षेत्र के तटबंधों का नियमित निरीक्षण करेंगे, जिससे किसी भी सीपेज, कटाव या आपात स्थिति से समय रहते निपटा जा सके।

टीम बिल्डिंग और मासिक समन्वय बैठक अनिवार्य

बाढ़ नियंत्रण कार्य को बेहतर और समन्वित बनाने के लिए इंजीनियरिंग टीम, आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, स्थानीय पुलिस, बीडीओ और श्रमिकों के साथ टीम बिल्डिंग की जा रही है। इसके तहत प्रखंड स्तर पर जून से अक्टूबर तक मासिक बैठकें कर तटबंधों की स्थिति की समीक्षा की जाएगी ताकि किसी भी आकस्मिक स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके।

प्राथमिकता : समय पर एहतियाती कार्रवाई

जल संसाधन विभाग का उद्देश्य है कि किसी भी संभावित आपदा की वृद्धि रोकी जाए और समय रहते एहतियाती कार्रवाई कर जन-धन की हानि से बचाव सुनिश्चित किया जाए। विभाग का कहना है कि इस बार बाढ़ नियंत्रण की तैयारियां और अधिक व्यवस्थित और सतत निगरानी के तहत संचालित की जाएंगी।


 

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