भागलपुर | कहलगांव | 31 मई 2025: श्यामपुर पंचायत में चंपा पोखर की खुदाई को लेकर हाल के दिनों में कुछ गंभीर आरोप सामने आए हैं, जिनमें मनरेगा फंड के दुरुपयोग और जेसीबी मशीन के अवैध इस्तेमाल की बात कही गई। यह मामला तब सुर्खियों में आया जब स्थानीय निवासी कन्हैया कुमार ने इस संबंध में प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को एक लिखित शिकायत भेजी।
हालांकि, जब मीडिया प्रतिनिधि मौके पर पहुंचे और स्थानीय ग्रामीणों से बातचीत की, तो एक अलग ही तस्वीर सामने आई। ग्रामीणों ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए बताया कि चंपा पोखर की खुदाई किसी भी सरकारी योजना के तहत नहीं, बल्कि पूर्णतः ग्रामीणों के सहयोग से की जा रही है।
पोखर से जुड़ी वर्षों पुरानी समस्या
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि यह पोखर पिछले 50 वर्षों से उपेक्षित था और पूरी तरह सूख चुका था, जिससे सिंचाई, पशुपालन और छठ पूजा जैसे धार्मिक आयोजनों में भारी कठिनाई होती थी। ऐसी स्थिति को देखते हुए गांव के युवाओं और बुजुर्गों ने मिलकर चंदा इकट्ठा किया और खुदाई का कार्य शुरू कराया।
मिट्टी का उपयोग खेल मैदान निर्माण में
खुदाई से निकली मिट्टी को भी बेचा नहीं गया, बल्कि पास के सरकारी जमीन पर डालकर एक खेल मैदान तैयार किया जा रहा है, जो स्थानीय युवाओं के लिए उपयोगी होगा। ग्रामीणों का कहना है कि यह जनहित में उठाया गया कदम है, जिसका राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए।
मुखिया ने भी दी सफाई
पंचायत के मुखिया बृजेश पासवान ने बताया कि “शुरुआत में यह कार्य मनरेगा योजना के अंतर्गत सोचा गया था, लेकिन यह मजदूरों के लिए व्यवहारिक नहीं था। इसलिए मनरेगा योजना को बंद कर दिया गया और ग्रामीणों ने स्वयं आर्थिक सहयोग से यह कार्य कराया।”
आरोपों को बताया राजनीति प्रेरित
ग्रामीणों ने कन्हैया कुमार द्वारा लगाए गए आरोपों को “राजनीति से प्रेरित, झूठा और भ्रामक” बताया। उनका कहना है कि इस तरह की अफवाहें गांव की एकजुटता और जनसहयोग को कमजोर करने की कोशिश है।
यह विवाद जन भागीदारी बनाम प्रशासनिक आरोपों की एक मिसाल बनता जा रहा है। जहाँ एक ओर स्थानीय लोग सकारात्मक पहल की मिसाल पेश कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर संदेह और आरोपों का माहौल इस प्रयास को कटघरे में खड़ा कर रहा है। प्रशासन को चाहिए कि वह मामले की निष्पक्ष जांच करे ताकि सच्चाई सामने आए और ऐसे सामूहिक प्रयासों को प्रोत्साहन मिल सके।