पटना, 9 जून 2025।राज्य में बढ़ते साइबर अपराध और मादक पदार्थों की तस्करी पर प्रभावी नियंत्रण के लिए बिहार पुलिस ने दो नई स्पेशल यूनिट्स का गठन कर लिया है। इनमें एक साइबर सुरक्षा इकाई और दूसरी स्टेट एंटी नारकोटिक सह मद्य निषेध इकाई होगी। इस प्रस्ताव पर जल्द ही कैबिनेट स्तर से अंतिम मुहर लगने जा रही है।
इन दोनों इकाइयों की कमान एडीजी या आईजी रैंक के अधिकारी संभालेंगे। इसकी जानकारी सोमवार को पुलिस मुख्यालय सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता में एडीजी (मुख्यालय) कुंदन कृष्णन ने दी।
मादक पदार्थों की तस्करी के नेटवर्क पर टूट पड़ेगी पुलिस
एडीजी कुंदन कृष्णन ने बताया कि अवैध नशीले पदार्थों की तस्करी में संलिप्त अपराधियों की पहचान कर उनकी संपत्तियां जब्त की जाएंगी। अब तक 6-7 ऐसे अपराधियों की पहचान कर ली गई है, जिनकी संपत्तियां जब्त करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।
उन्होंने कहा कि बिहार में रसायनिक नशीले पदार्थों और अफीम का उपयोग अधिक होता है। कफ सिरप, नशीली सुइयों और अन्य दवाओं का भी नशे के लिए दुरुपयोग किया जा रहा है। कई दुकानदार बिना डॉक्टरी पर्चे के भी इन्हें बेच रहे हैं, जिस पर अब सख्ती होगी।
राज्य के इन जिलों में सक्रिय है नशे का नेटवर्क
एडीजी ने बताया कि बिहार में नेपाल, उत्तर प्रदेश, मणिपुर और म्यांमार से नशीले पदार्थों की तस्करी हो रही है। गया से सटे झारखंड के चतरा, पलामू, कौऔकोल जैसे इलाकों में अवैध अफीम की खेती की भी सूचना मिली है।
भोजपुर, पूर्वी चंपारण (मोतिहारी) जैसे जिले नशे की तस्करी के हॉटस्पॉट माने जाते हैं। हाल ही में आरा में एक बड़े तस्कर की गिरफ्तारी के बाद एक डायरी मिली, जिसमें कई छोटे तस्करों का ब्यौरा है। एक बैंक खाते में 30 लाख रुपये के लेनदेन का भी खुलासा हुआ है।
साइबर अपराधियों पर चलेगी सख्त कार्रवाई
राज्य में बढ़ते साइबर अपराध पर लगाम लगाने के लिए पुलिस ने साइबर क्राइम यूनिट को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है। इसमें एक अत्याधुनिक साइबर लैब भी बनेगी, जिसमें मोबाइल, लैपटॉप और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का विश्लेषण किया जाएगा। खास पुलिसकर्मियों को इसके लिए विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है।
अपराध के आंकड़ों में आई कमी
प्रेस वार्ता में एडीजी ने बताया कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष रेप और लूट की घटनाओं में कमी आई है।
- 2024 में रेप के 2205 मामले दर्ज हुए थे। इस वर्ष अब तक औसतन 98 घटनाएं प्रति माह दर्ज हो रही हैं, जो पिछले साल 104 थी।
- हत्या के मामलों में मामूली बढ़ोतरी हुई है। 2024 में औसतन 232 हत्या के मामले प्रति माह दर्ज हुए थे, जो इस वर्ष बढ़कर 235 प्रति माह हो गए हैं।