पटना, 9 मई 2025:
बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी ने विभागीय कार्यप्रणाली में बड़ी पारदर्शिता लाने की दिशा में अहम फैसला लिया है। पटना में आयोजित दो दिवसीय समीक्षा बैठक में मंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि अब से अंचलाधिकारियों और राजस्व कर्मियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग कार्य प्रदर्शन के आधार पर ही होगी। किसी भी प्रकार की लापरवाही या देरी अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
दाखिल-खारिज मामलों में लापरवाही पर जताई नाराजगी
मंत्री ने कई अंचलों में दाखिल-खारिज मामलों की अस्वीकृति दर और लंबित फाइलों को लेकर गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने साफ शब्दों में कहा,
“बिना सुनवाई के किसी भी दाखिल-खारिज आवेदन का रिजेक्शन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
विशेष रूप से पश्चिम चंपारण के चनपटिया, अररिया के पलासी, मधुबनी के बाबूबरही, और पूर्वी चंपारण के मधुबन जैसे अंचलों में रिजेक्शन रेट अत्यधिक पाया गया। वहीं, मुजफ्फरपुर के मुसहरी, अररिया के रानीगंज, पूर्णिया ईस्ट सदर, और सीतामढ़ी के डुमरा में लंबित मामलों की अधिकता पर भी मंत्री ने नाराज़गी जाहिर की।
डिजिटाइजेशन में धीमी प्रगति पर सख्ती
परिमार्जन प्लस पोर्टल पर जमाबंदी के डिजिटाइजेशन में धीमी गति के चलते मंत्री ने कई अंचलों को लताड़ा।
इनमें शामिल हैं:
- पूर्णिया ईस्ट
- कटिहार का कुर्सेला
- समस्तीपुर का रोसड़ा
- वैशाली का भगवानपुर
- पश्चिम चंपारण का जोगापट्टी
मंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि डिजिटाइजेशन को समयबद्ध तरीके से पूरा करना अनिवार्य है। विभागीय सचिवों ने भी जोर दिया कि डिजिटाइजेशन से भूमि विवादों में कमी आएगी और जनता को पारदर्शी सेवा मिलेगी।
कर्मचारियों की जवाबदेही होगी तय, लापरवाही पर कार्रवाई
समीक्षा बैठक में अधिकारियों को चेताया गया कि काम में कोताही बरतने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। मंत्री ने कहा कि अंचलाधिकारी अपने अधीनस्थ कर्मचारियों की नियुक्ति/पदस्थापन भी कार्य प्रदर्शन के आधार पर करें। किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार या देरी अब स्वीकार नहीं की जाएगी।
वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति और दिशा-निर्देश
इस समीक्षा बैठक में कई वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया, जिनमें शामिल थे:
- अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह
- विभागीय सचिव जय सिंह
- निदेशक चकबंदी राकेश कुमार सिंह
- निदेशक भू-अर्जन कमलेश कुमार सिंह
- विशेष सचिव अरुण कुमार सिंह
सभी अधिकारियों ने अंचल स्तर की समीक्षा करते हुए निष्क्रियता और खराब प्रदर्शन वाले क्षेत्रों की पहचान की और तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए।