देशभर में आज सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए करवा चौथ का व्रत रख रही हैं। यह दिन विशेष रूप से उत्तर भारत में आस्था, प्रेम और परंपरा का प्रतीक माना जाता है।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, आज का दिन धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ है। ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति पूजा-पाठ, व्रत और संकल्प के लिए अनुकूल बनी हुई है।
पंचांग विवरण
- तिथि: आश्विन कृष्ण पक्ष चतुर्थी
- दिन: शुक्रवार
- माह: आश्विन
- विक्रम संवत्: 2082
- शक संवत्: 1947
- नक्षत्र: भरणी (सुबह 10:48 तक), तत्पश्चात कृत्तिका नक्षत्र प्रारंभ
- योग: सुकर्मा
- करण: बालव
- सूर्योदय: 06:17 बजे
- सूर्यास्त: 17:57 बजे
- चंद्रोदय (करवा चौथ व्रत हेतु): लगभग 08:26 बजे रात
राहुकाल, गुलिककाल और शुभ मुहूर्त
- राहुकाल: सुबह 10:30 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक (इस समय कोई शुभ कार्य न करें)
- गुलिककाल: सुबह 07:30 से 09:00 बजे तक
- अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:44 से 12:31 बजे तक (इस समय शुभ कार्य आरंभ करना श्रेष्ठ रहेगा)
आज का धार्मिक महत्व
करवा चौथ का व्रत कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत रखकर भगवान शिव, माता पार्वती, गणेश और चंद्रदेव की पूजा करती हैं। शाम को चंद्रमा के दर्शन कर अर्घ्य देने के बाद व्रत तोड़ा जाता है।
ज्योतिषीय दृष्टि से दिन कैसा रहेगा
ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार, आज का दिन वृषभ, कन्या, मकर और मीन राशि वालों के लिए शुभ रहेगा। नौकरी में तरक्की, व्यापार में लाभ और दांपत्य जीवन में सौहार्द की संभावना है।
वहीं सिंह और वृश्चिक राशि के जातकों को आज सावधानी रखनी चाहिए — बिना जांचे निर्णय न लें।
आज का दिन भक्ति, प्रेम और संकल्प का प्रतीक है। करवा चौथ के अवसर पर महिलाएं सज-धजकर करवा माता की पूजा करेंगी और चांद की आराधना कर अपने जीवनसाथी के दीर्घायु की कामना करेंगी।