नई दिल्ली। 31 मई 2025, शनिवार का दिन धार्मिक दृष्टि से विशेष महत्व रखता है। आज ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि है। साथ ही आज शनि प्रदोष व्रत भी है, जो भगवान शिव और शनि देव की पूजा के लिए अत्यंत फलदायक माना जाता है।
पंचांग के अनुसार, चतुर्दशी तिथि आज रात 9 बजकर 25 मिनट तक रहेगी। इसके बाद पूर्णिमा तिथि प्रारंभ हो जाएगी। आज विशाखा नक्षत्र और साध्य योग का संयोग बन रहा है, जो दिन को और भी शुभ बनाता है।
शुभ मुहूर्त और व्रत आज प्रदोष व्रत के चलते शाम के समय भगवान शिव की पूजा विशेष फल देती है। खासकर शनि प्रदोष होने के कारण शनि दोष से मुक्ति पाने के लिए यह दिन श्रेष्ठ माना गया है। व्रतधारी पूरे दिन उपवास रखकर संध्या के समय भगवान शिव का रुद्राभिषेक करते हैं।
शुभ मुहूर्त
- अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:52 से 12:45 तक
- ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:00 से 4:45 तक
- पूजा का उत्तम समय: सूर्यास्त के समय (शिव आराधना हेतु)
अशुभ काल
- राहुकाल: सुबह 9:00 से 10:30 बजे तक
- यमगंड काल: दोपहर 1:30 से 3:00 बजे तक
- गुलिक काल: सुबह 6:00 से 7:30 बजे तक
ग्रह स्थिति और राशियों पर प्रभाव आज का दिन वृष, कन्या और मकर राशि के जातकों के लिए विशेष लाभदायक माना जा रहा है। वहीं, मिथुन और वृश्चिक राशि के लोगों को सोच-समझकर निर्णय लेने की सलाह दी जा रही है।
विशेष जानकारी आज के दिन तिल, काले वस्त्र, और लोहे का दान करना विशेष पुण्यकारी होता है। शनि ग्रह से संबंधित दोषों की शांति के लिए आज किया गया उपाय शीघ्र फलदायी होता है।
31 मई का दिन व्रत, पूजा और आत्मशुद्धि के लिए अत्यंत उपयुक्त है। श्रद्धालु प्रदोष व्रत का पालन कर शिव व शनि देव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।