बीमा एजेंट समेत दो पूर्व कर्मचारी दोषी करार, ₹67,000 का जुर्माना भी
जाली मवेशी बीमा पॉलिसियों के जरिए ₹50,000 की धोखाधड़ी का मामला
पटना, 30 जून।सीबीआई कोर्ट संख्या-1, पटना ने ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (ओआईसीएल) में बीमा धोखाधड़ी के एक मामले में तीन आरोपियों को तीन वर्ष के कठोर कारावास और कुल ₹67,000 के जुर्माने की सजा सुनाई है।
दोषियों में शामिल हैं:
- अशोक कुमार, तत्कालीन सहायक प्रशासनिक अधिकारी (AAO), ओआईसीएल, पटना
- अमरेंद्र कुमार मिश्रा, तत्कालीन सहायक, ओआईसीएल, पूर्णिया
- समीर कांत झा, बीमा एजेंट
मामला क्या था?
सीबीआई ने यह मामला 3 मई 2005 को दर्ज किया था। आरोप था कि जाली मवेशी बीमा पॉलिसियों के जरिये ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी को ₹50,000 की ठगी का नुकसान पहुँचाया गया।
जांच के दौरान यह सामने आया कि कुछ अधिकारियों ने पूर्व विधायक अमरेंद्र मिश्रा और एक अन्य महिला के फर्जी नामों पर बीमा पॉलिसियां जारी कीं। ये पॉलिसियां 2003 में सहरसा से जारी की गई थीं।
दोषियों को सुनाई गई सजा:
(1) अशोक कुमार और अमरेंद्र कुमार मिश्रा को धारा 420, 467, 468, 471, 477A आईपीसी व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(2) r/w 13(1)(d) के तहत:
- प्रत्येक धारा के तहत 03 वर्ष कठोर कारावास
- ₹5,000 प्रत्येक धारा में जुर्माना
- जुर्माना न देने पर प्रत्येक धारा में 03 माह का साधारण कारावास
कुल: 03 वर्ष कठोर कारावास + ₹30,000 जुर्माना (प्रत्येक)
(2) समीर कांत झा को:
- धारा 420: 03 वर्ष कठोर कारावास + ₹5,000 जुर्माना
- धारा 471: 01 वर्ष कठोर कारावास + ₹2,000 जुर्माना
- जुर्माना न देने पर प्रत्येक धारा में 03 माह का साधारण कारावास
कुल: 03 वर्ष कठोर कारावास + ₹7,000 जुर्माना
तीन आरोपियों का निधन:
इस मामले में जिन 6 लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया गया था, उनमें से 3 की मृत्यु मुकदमे के दौरान हो गई।
वे थे:
- शिव शंकर गुप्ता, तत्कालीन शाखा प्रबंधक, ओआईसीएल, सहरसा
- नरेंद्र कुमार मिश्रा, तत्कालीन डिवीजनल ऑफिसर, ओआईसीएल, सहरसा
- मोहन मिश्रा, निजी व्यक्ति
CBI की ओर से प्रस्तुत प्रमाण:
सीबीआई ने 14 अभियोजन गवाहों की गवाही के साथ मजबूत साक्ष्य और दस्तावेजी प्रमाण पेश किए। माननीय अदालत ने अभियुक्तों को दोषी पाते हुए उपर्युक्त सजा सुनाई।


