पटना।जल संसाधन विभाग, बिहार सरकार द्वारा राज्य के प्रमुख बाँधों की सुरक्षा और अनुरक्षण को लेकर तीन दिवसीय विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन पटना स्थित जल एवं भूमि प्रबंधन संस्थान (वाल्मी) में किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य बाँध सुरक्षा अधिनियम 2021 के प्रावधानों की जानकारी देना और आधुनिक तकनीकों से अभियंताओं को प्रशिक्षित करना था।
प्रशिक्षण में मिली ये अहम जानकारी
- बाँध सुरक्षा अधिनियम 2021 के कानूनी और तकनीकी प्रावधानों की विस्तृत जानकारी।
- गाद जमाव, बदलते वर्षा-पैटर्न और संशोधित बाढ़ रूपांकन पर चर्चा।
- जीआईएस आधारित मानचित्रण और अत्याधुनिक उपकरणों की कार्यप्रणाली का प्रदर्शन।
- ड्रोन, डीजीपीएस और इको साउंडर जैसी तकनीकों के प्रयोग की व्यावहारिक जानकारी।
दुर्गावती बाँध का स्थल निरीक्षण
प्रशिक्षण के दौरान अभियंताओं को दुर्गावती बाँध का भ्रमण भी कराया गया। वहाँ स्थलाकृतिक सर्वेक्षण, गाद सर्वेक्षण और ध्वनि मापन यंत्रों की लाइव डेमो दी गई।
पाँच प्रमुख जलाशयों की समीक्षा
- अपर किऊल
- दुर्गावती
- कोहिरा
- फुलवरिया
- बदुआ
इन जलाशयों की वर्तमान स्थिति, जल भंडारण क्षमता में आई कमी और भविष्य की चुनौतियों पर गहन चर्चा की गई।
वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति
कार्यक्रम का उद्घाटन वाल्मी निदेशक अभियंता सीमा कुमारी, एसडीएसओ निदेशक अभियंता विजय कुमार, शासी परिषद सलाहकार अभियंता आई.सी. ठाकुर और वाल्मी के प्राध्यापक अभियंता मोहम्मद जकाउल्लाह की उपस्थिति में हुआ।
बाँध सुरक्षा समिति, बिहार के अध्यक्ष अभियंता अवधेश कुमार और एसडीएसओ निदेशक अभियंता विजय कुमार के नेतृत्व में कार्यक्रम को तकनीकी और व्यावहारिक दोनों रूप में प्रभावशाली बनाया गया।
जल संसाधन विभाग की प्रतिबद्धता
जल संसाधन विभाग बिहार सरकार जल संसाधनों के कुशल प्रबंधन, बाढ़ सुरक्षा, सिंचाई विस्तार और जल संरचनाओं की मजबूती के लिए लगातार आधुनिक तकनीकों को अपनाते हुए प्रतिबद्ध है। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम उसी दिशा में एक ठोस पहल है।