उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में टेलकम पाउडर से पेठा बनाकर, नल के पानी को बोतल में पैक और एक्सपायर खजूर को नई पैकिंग में पैक कर धड़ल्ले से बेचा जा रहा था. खाद्य विभाग की टीम ने छापा मारकर एक्सपायर खाद्य वस्तुओं को पकड़ा और उन्हें नष्ट करवाया है. प्रशासनिक अधिकारियों की सख्ती के बाद भी कारोबारी अपने मुनाफाखोरी के लिए एक्सपायर्ड सामग्री को नई पैकिंग में पैक कर बेच रहे हैं. इन्हें रेलवे स्टेशनों और बस स्टेशनों पर खपाया जा रहा है.
शहर में ठेले पर अक्सर रेवड़ी, गट्टा, पेठा आदि बिकते हुए देखा जाता है. लोग मोलभाव करके सस्ते दर पर उसे खरीद भी लेते हैं. लेकिन वह उनके लिए जहर के समान होता है. खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने ऐसी खाद्य सामग्री को पकड़ा है. सहायक आयुक्त खाद्य सुरक्षा डॉक्टर सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि शहर के हुमांयुपुर दक्षिणी मोहल्ले में एक फैक्ट्री है, जहां पर पेठा, गट्टा, रेवड़ी आदि तैयार की जाती है. वहां पर जब छापा मारा गया तो पेठा बनाने के लिए रखा गया भथुआ खराब मिला.
टेलकम पाउडर से बन रहा था पेठा
फैक्ट्री में पेठे में सफेदी लाने के लिए तीन बोरी में टेलकम पाउडर रखा हुआ मिला. पूछताछ में पता चला कि इसको पेठे को सूखने और सफेदी लाने के लिए उस पर छिड़का जाता है. यह स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है. एक्सपायर डेट की खजूरों के पैकेट भी मिले. उनकी जांच में पता चला कि यह लोग जब खजूर एक्सपायर हो जाती है तो करीब चौथाई कीमत में उसे खरीद कर अपने पास ले जाते हैं और नई पैकिंग करके उसे फिर से बाजार में बेच देते हैं.
बोतल में पैक किया जा रहा था नल का पानी
जांच के दौरान पता चला कि पाउच में दो सौ एमएल का पानी की पैकिंग भी होती है. पानी को फिल्टर करने के लिए कोई मशीन नहीं है. कोई सिस्टम नहीं है. नल के पानी को पाउच में पैकिंग कर इन्हें भी रेलवे व बस स्टेशनों पर बेचा जाता है. यह स्थिति बेहद खतरनाक है. करीब 4000 पैकेट पानी का जप्त किया गया. सूत्र बताते हैं कि जो भी एक्सपायर सामग्री होती है उसको जब नई पैकिंग दुकानदार करते हैं तो उसमें कोई भी लेवल नहीं होता है. उसके अंदर एक कागज का टुकड़ा डाल दिया जाता है, जिसमे आधी-अधूरी जानकारी होती है. सस्ता होने के नाते लोग इसे खरीद लेते हैं.
स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है टेलकम पाउडर
इस संबंध में डॉक्टर सोहन गुप्ता ने बताया कि टेलकम पाउडर का खाद्य वस्तुओं में छिड़काव बेहद खतरनाक है. टेलकम पाउडर शरीर के ऊपर प्रयोग करने के लिए होता है. इसमें मुख्य रूप से मैग्नीशियम सिलिकेट होता है. इसके अलावा एंटीमनी ट्राईऑक्साइड भी मिलाया जाता है, जिससे यह चिकना और सूखा बनता है. इसमें खुशबू के लिए परफ्यूम में डाला जाता है. खाद्य पदार्थों के साथ इसको खाने से पाचन तंत्र बिल्कुल खराब हो सकता है. लीवर व गुर्दे भी खराब हो सकते हैं. इस नाते उपभोक्ता सतर्क होकर ही खाद्य सामग्रियों का प्रयोग करें.
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