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ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में ऐतिहासिक पहल, स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर से बदलेगा बिहार का भविष्य

पटना | 24 जून 2025: बिहार के लिए ऊर्जा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक क्षण आया है। केंद्र सरकार ने राज्य में पहले परमाणु ऊर्जा संयंत्र की स्थापना की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पटना में आयोजित ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन के बाद यह घोषणा की।

उन्होंने बताया कि भारत सरकार छह राज्यों में स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR) स्थापित करने की योजना बना रही है, जिसमें बिहार को भी शामिल किया गया है। इस फैसले से बिहार को सस्ती, सुरक्षित और दीर्घकालिक ऊर्जा आपूर्ति का एक नया विकल्प मिलेगा।

डबल इंजन सरकार के लाभ का एक और उदाहरण

केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया कि बिहार सरकार ने सम्मेलन में राज्य में SMR लगाने की मांग रखी थी, जिसे केंद्र ने स्वीकार कर लिया है। उन्होंने कहा, “अगर बिहार सरकार आगे बढ़ती है, तो केंद्र सरकार हर आवश्यक सहयोग देने को पूरी तरह तैयार है।”

हर राज्य में परमाणु संयंत्र का लक्ष्य

मंत्री खट्टर ने कहा कि सरकार की योजना है कि भविष्य में हर राज्य में कम से कम एक परमाणु ऊर्जा संयंत्र हो, ताकि देश की ऊर्जा सुरक्षा मजबूत हो और विकास दर के अनुरूप बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके।

क्या है SMR और क्यों है यह खास?

स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR) पारंपरिक परमाणु संयंत्रों की तुलना में आकार में छोटे होते हैं, लेकिन तकनीक और सुरक्षा में कहीं अधिक आधुनिक हैं।
इनकी खास बातें:

  • कम लागत और समय में निर्माण संभव
  • उच्च सुरक्षा मानक
  • कम भूमि की आवश्यकता
  • पर्यावरणीय प्रभाव न्यूनतम
  • छोटे शहरों या ग्रामीण इलाकों में भी उपयुक्त

बिहार में SMR की स्थापना से हजारों युवाओं को रोजगार, तकनीकी निवेश में वृद्धि, और स्थायी ऊर्जा समाधान मिल सकता है। यह राज्य की औद्योगिक क्षमता को भी एक नई दिशा देगा।

बिहार के लिए ऐतिहासिक मौका

यह पहला अवसर होगा जब बिहार में कोई परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित होगा। यह न केवल राज्य की ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में निर्णायक कदम है, बल्कि पर्यावरण अनुकूल और टिकाऊ विकास की राह भी प्रशस्त करेगा।

अब सबकी निगाहें राज्य सरकार पर हैं कि वह इस अवसर को कितनी तेजी और प्रभावशीलता से धरातल पर उतारती है।