
पटना, 01 जुलाई 2025 :बिहार सरकार द्वारा विद्यालय शिक्षकों के स्थानांतरण को लेकर की जा रही प्रक्रिया को पारदर्शी और सहानुभूतिपूर्ण बताते हुए शिक्षा विभाग ने विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए हैं। राज्य सरकार ने बिहार लोक सेवा आयोग के माध्यम से TRE-1 एवं TRE-2 के तहत 2,16,732 विद्यालय अध्यापकों की नियुक्ति की थी। इन शिक्षकों को नवंबर 2023 एवं जनवरी 2024 में रैंडमाइजेशन सॉफ्टवेयर के माध्यम से विद्यालय आवंटित किए गए थे, जिनमें से अब तक 1,73,076 अध्यापकों ने अपने कार्यस्थल पर योगदान कर लिया है।
हालांकि, बड़ी संख्या में शिक्षकों को उनकी प्राथमिकता के अनुरूप जिला या विद्यालय नहीं मिल पाया है। इस पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए शिक्षा विभाग ने 21 नवंबर 2024 को पत्रांक 2035 एवं 2036 के माध्यम से सात विशेष श्रेणियों में स्थानांतरण हेतु ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए। इन श्रेणियों में गंभीर रोग, दिव्यांगता, वैवाहिक कारण, दूरी इत्यादि शामिल हैं। विभाग को लगभग 1.90 लाख आवेदन प्राप्त हुए।
प्रथम चरण में इन आवेदनों के आधार पर अंतर-जिला स्थानांतरण मुख्यालय स्तर से किया गया, जबकि जिला के भीतर स्थानांतरण जिला प्रशासन द्वारा सम्पन्न कराए गए। हालांकि कई शिक्षकों ने यह शिकायत दर्ज कराई कि उन्हें उनके 10 वांछित विकल्पों में से कोई विद्यालय आवंटित नहीं हुआ। इसे देखते हुए शिक्षा विभाग ने 25 जून 2025 को पत्रांक 45/गो० के तहत विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं, तथा शिकायत दर्ज कराने हेतु ई-शिक्षाकोष पोर्टल की व्यवस्था की गई है।
शिकायतों के समाधान हेतु जिला स्थापना समिति को अधिकृत किया गया है। वहीं, सातवीं श्रेणी अर्थात दूरी के आधार पर स्थानांतरण के मामलों में प्राथमिकता शिक्षिकाओं को दी गई है, और उन्हें मुख्यालय स्तर से विद्यालय आवंटित किए गए हैं। पुरुष शिक्षकों के अंतर-जिला स्थानांतरण की प्रक्रिया फिलहाल लंबित है, जो विद्यालयों में रिक्तियों, छात्र-शिक्षक अनुपात एवं प्रतिस्थानी शिक्षकों की उपलब्धता के विश्लेषण के बाद पूर्ण की जाएगी।
इसके अतिरिक्त, विभाग ने 26 जून 2025 को पत्रांक 46/गो० के माध्यम से पारस्परिक स्थानांतरण (Mutual Transfer) का विकल्प भी उपलब्ध कराया है। यह पूरी तरह ऐच्छिक विकल्प है, जिसके लिए शिक्षक बाध्य नहीं हैं।
शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि यदि किसी शिक्षक को अब भी स्थानांतरण को लेकर कोई समस्या है तो वे ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं, जिसका निराकरण जिला स्तरीय समिति द्वारा किया जाएगा।
राज्य सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि शैक्षणिक व्यवस्था को प्रभावी बनाए रखने एवं शिक्षकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए पूरी प्रक्रिया पारदर्शिता के साथ संचालित की जा रही है, ताकि शिक्षक अपनी पसंद के विद्यालय में कार्य कर सकें और पूरी निष्ठा से अपने दायित्वों का निर्वहन करें।