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केंद्र के विशेष पैकेज से बदली बिहार की तस्वीर — विकास की रफ्तार को मिली नई दिशा

ByKumar Aditya

जून 11, 2025
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पटना | 11 जून 2025:बिहार की तरक्की की तस्वीर अब बदलने लगी है। केंद्र सरकार के विशेष पैकेज और डबल इंजन की सरकार के संयुक्त प्रयासों से राज्य में विकास की रफ्तार तेज हुई है। कौशल विकास, कृषि, मत्स्य पालन, भंडारण और सार्वजनिक वितरण प्रणाली जैसे कई क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की गई है।


कौशल विकास: लक्ष्य से छह गुना ज्यादा युवाओं को मिला प्रशिक्षण

प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) के तहत बिहार में 1 लाख युवाओं के लक्ष्य के मुकाबले 6.33 लाख युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया गया। इस पर 508.40 करोड़ रुपये खर्च हुए।
पावर सेक्टर में भी 11,894 युवाओं को विशेष प्रशिक्षण दिया गया, जिसमें 14.75 करोड़ रुपये का निवेश हुआ।


कृषि अनुसंधान में नया आयाम

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने पूसा को केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय का दर्जा दिया। वहीं, मोतिहारी में एकीकृत खेती प्रणाली पर राष्ट्रीय अनुसंधान केंद्र की स्थापना हुई। इस परियोजना पर 62.25 करोड़ रुपये की लागत आई।


मत्स्य पालन में ‘ब्लू रेवोल्यूशन’ का असर

पीएम मत्स्य संपदा योजना के तहत बिहार में 31.96 करोड़ रुपये की लागत से तालाब, बीज पालन केंद्र और मछुआरों के आवास बनाए गए।
साथ ही, 5.13 करोड़ रुपये से रोग निदान लैब और खुदरा मछली बाजार की योजनाएं भी अंतिम चरण में हैं।


कृषि एवं किसान कल्याण: सिंचाई से यंत्रीकरण तक

32,577 हेक्टेयर भूमि में सूक्ष्म सिंचाई व्यवस्था की गई है, जिस पर 165.96 करोड़ रुपये खर्च हुए।
कृषि यंत्रीकरण के लिए 117.67 करोड़ रुपये जारी किए गए। हालांकि, बीज परियोजना की 16.7 करोड़ की राशि वापस करनी पड़ी।


भंडारण क्षमता में भारी इजाफा

25 स्थानों पर 2.84 लाख मीट्रिक टन क्षमता के गोदाम बनाए गए, जिन पर 247.64 करोड़ रुपये खर्च हुए।
दरभंगा, समस्तीपुर और कटिहार में 1.50 लाख मीट्रिक टन क्षमता के साइलो बने।
16 जगहों पर 7.25 लाख मीट्रिक टन क्षमता के नए साइलो के निर्माण कार्य भी तेज़ी से जारी हैं, जिसकी अनुमानित लागत 652.5 करोड़ रुपये है।


विकास की रफ्तार और आत्मनिर्भर बिहार

केंद्र सरकार के विशेष पैकेज के बाद बिहार में विकास कार्यों ने जोर पकड़ा है। राज्य में रोजगार के अवसर, खेती में आधुनिक तकनीक, और इन्फ्रास्ट्रक्चर में तेजी से बदलाव देखा जा रहा है। इससे आत्मनिर्भर बिहार के सपने को साकार करने की दिशा में मजबूती मिली है।


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