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सीढ़ी घाट का सौंदर्यीकरण, धार्मिक पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा, श्रद्धालुओं को मिलेगी सुविधा

पटना, 29 जून 2025।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को पटना जिले के बख्तियारपुर प्रखंड अंतर्गत सीढ़ी घाट के निकट गंगा चैनल पर पक्का सुरक्षात्मक कार्य और पुरानी गंगा धार को पुनर्जीवित करने की परियोजना का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने गंगा आरती में भाग लिया और पूजा-अर्चना भी की।

धार्मिक और पर्यटकीय दृष्टिकोण से मिलेगा लाभ

मुख्यमंत्री ने कहा कि सीढ़ी घाट पर विकास कार्यों से श्रद्धालुओं को काफी सुविधा होगी। उन्होंने बताया कि यह स्थान उनके बचपन की यादों से जुड़ा है, जहाँ वे रोज़ गंगा स्नान के लिए जाया करते थे। वर्षों बाद गंगा की धारा घाट से दूर चली गई थी, जिसे अब फिर से लाया गया है और जीवंत किया गया है।


सीढ़ी घाट सौंदर्यीकरण कार्य की प्रमुख बातें

  • परियोजना लागत: ₹63.54 करोड़
  • 330 मीटर लंबाई में सीढ़ी निर्माण
  • 2100 मीटर कटाव निरोधक कार्य
  • पर्यटकों के लिए पाथ-वे, शौचालय, चेंजिंग रूम, प्रकाश व्यवस्था, लैंडस्केपिंग आदि
  • इससे श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी

गंगा की पुरानी धारा पुनर्जीवित

बख्तियारपुर प्रखंड के घनसुरपुर से देदौर तक गंगा नदी की मृतप्राय धार को पुनर्जीवित किया गया है।

  • कार्य की लंबाई: 4,420 मीटर
  • परियोजना लागत: ₹34.27 करोड़
  • 1520 मीटर में जीयो बैग स्लोप पिचिंग से तटीय क्षरण को रोका गया
  • अगले तीन वर्षों तक रखरखाव और संरक्षण कार्य किया जाएगा

धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल को पुनः पहचान

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने श्री राधे कृष्ण मंदिर में पूजा कर राज्य की सुख-शांति और समृद्धि की कामना की।
साथ ही उन्होंने प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी व पूर्व सांसद पं. शीलभद्र याजी और उनकी धर्मपत्नी स्व. बालकेश्वरी याजी के समाधि स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।


उपस्थित प्रमुख व्यक्ति

इस लोकार्पण कार्यक्रम में जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी, विभाग के प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल, मुख्यमंत्री के सचिव कुमार रवि, प्रमंडलीय आयुक्त डॉ. चंद्रशेखर सिंह, जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एस.एम., एसएसपी कार्तिकेय के. शर्मा सहित अनेक अधिकारी एवं गणमान्य लोग उपस्थित रहे।


यह परियोजना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के “न्याय के साथ विकास” की अवधारणा को धरातल पर उतारने की एक सफल मिसाल है, जिससे न सिर्फ धार्मिक आस्था से जुड़े स्थलों को पुनर्जीवन मिला है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों को भी विकास की मुख्यधारा में जोड़ा गया है।