
मधुबनी | 2 जुलाई 2025: हरलाखी प्रखंड के फुलहर गांव निवासी और एक स्थानीय दैनिक से जुड़े पत्रकार हरि शम्भू की गिरफ्तारी और कथित थाने में प्रताड़ना का मामला अब पटना हाईकोर्ट तक पहुंच गया है। पत्रकार ने हाल ही में हरलाखी थाना क्षेत्र के एक पुलिसकर्मी द्वारा रिश्वत लेने का वीडियो सार्वजनिक किया था, जिसके बाद 20 जून की रात उन्हें पुलिस द्वारा उनके घर से गिरफ्तार किया गया।
परिजनों के अनुसार, गिरफ्तारी के दौरान न तो वारंट दिखाया गया और न ही महिला पुलिसकर्मी की मौजूदगी थी, जो कि कानूनी प्रक्रिया की अनदेखी मानी जा रही है। पत्रकार के परिजनों ने यह भी आरोप लगाया कि इस दौरान उनकी मां के साथ भी दुर्व्यवहार किया गया।
हरि शम्भू को थाने में लगभग 22 घंटे तक हिरासत में रखा गया, जहां उनके साथ मारपीट और मानसिक उत्पीड़न का आरोप है। मधुबनी सदर अस्पताल में भर्ती कराए जाने के बाद उनकी मेडिकल रिपोर्ट में शारीरिक चोटों और तनाव के लक्षण पाए गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, उनके शरीर पर सूजन और गंभीर चोट के निशान मिले हैं। पत्रकार ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने उनका मोबाइल फोन जब्त कर उसे फॉर्मेट भी कराया, जिससे डिजिटल साक्ष्य नष्ट हो गए।
इस पूरे मामले को लेकर पत्रकार ने पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में उन्होंने निवर्तमान डीएसपी निशिकांत भारती, हरलाखी थानाध्यक्ष सहित कुल 20 पुलिसकर्मियों के विरुद्ध गिरफ्तारी, मारपीट, धमकी और डिजिटल साक्ष्य मिटाने के आरोप लगाए हैं।
इस घटना के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर व्यापक प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं, जिनमें पुलिस की भूमिका को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। हालांकि, पुलिस प्रशासन की ओर से अब तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।
मामला चूंकि अब उच्च न्यायालय में है, ऐसे में आगे की कानूनी प्रक्रिया और न्यायिक जांच से इस विषय पर स्थिति स्पष्ट होने की संभावना है।