
📍 स्थान: गया, बिहार | 🗓️ तिथि: 21 जून 2025
समाचार विवरण:
बिहार में मॉनसून की दस्तक के साथ ही अधूरे निर्माण और घटिया गुणवत्ता वाले प्रोजेक्ट्स की पोल खुलने लगी है। ताजा मामला गया जिले के डोभी प्रखंड के कोठवारा और बैरिया गांव को जोड़ने वाले निरंजना नदी पुल का है, जहां भारी बारिश के चलते पुल में दरारें आ गई हैं। यह पुल तीन साल पहले नाबार्ड योजना के तहत करीब ₹13 करोड़ की लागत से बना था, लेकिन अभी तक इसका उद्घाटन भी नहीं हो पाया है।
🚫
पुल पर भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक
पुल के एक पाये (पिलर) के धंस जाने के कारण इसकी संरचना कमजोर हो गई है। इससे पुल के बीचों-बीच दरारें आ गई हैं। स्थानीय प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पुल पर एक बोर्ड लगाकर भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी है। फिलहाल दोपहिया और हल्के वाहनों के लिए पुल का इस्तेमाल सीमित रूप से किया जा रहा है।
🏗️
घटिया निर्माण पर ग्रामीणों का फूटा गुस्सा
पुल का निर्माण तिरुपति बालाजी कंपनी द्वारा किया गया था। स्थानीय ग्रामीणों ने ठेकेदार और इंजीनियरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि पुल निर्माण में घोर अनियमितता और भ्रष्टाचार हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि समय रहते कोई कार्रवाई नहीं की गई तो यह पुल किसी बड़े हादसे को न्योता दे सकता है।
🌧️
तेज बारिश से बढ़ा संकट
बीते दो दिनों से बिहार और झारखंड में लगातार हो रही बारिश के कारण निरंजना नदी में तेज जलधारा बह रही है। यही तेज बहाव पुल की नींव को कमजोर करने का एक मुख्य कारण बताया जा रहा है।
📉
अबतक नहीं हुआ उद्घाटन, प्रशासन मौन
हैरानी की बात यह है कि तीन साल पहले बने इस पुल का अब तक कोई आधिकारिक उद्घाटन नहीं हुआ है। इसके बावजूद क्षेत्रीय लोग इसे इस्तेमाल कर रहे थे। अब प्रशासन ने चेतावनी दी है कि जब तक तकनीकी परीक्षण पूरा नहीं होता, तब तक पुल पर किसी भी प्रकार का भारी आवागमन प्रतिबंधित रहेगा।
📌 मुख्य बिंदु:
- नाबार्ड योजना के तहत 13 करोड़ की लागत से तीन साल पहले बना पुल
- एक पाया धंसा, पुल में आई दरारें
- भारी वाहनों की आवाजाही पर प्रशासन ने लगाई रोक
- निर्माण में गड़बड़ी को लेकर ग्रामीणों में नाराजगी
- पुल का उद्घाटन अब तक नहीं हुआ