बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों ने एक बार फिर एनडीए के पक्ष में निर्णायक जनादेश दिया है। राज्य में एनडीए को भारी बहुमत मिला है और सरकार बनाने का रास्ता साफ हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार की जनता को धन्यवाद देते हुए कहा कि बिहार ने “जंगलराज को हटाकर विकास की राह चुनी है” और केंद्र सरकार बिहार के विकास को नई गति देगी।
खेसारी लाल यादव की हार हुई पक्की, स्वीकार किया फैसला
छपरा सीट से आरजेडी उम्मीदवार और भोजपुरी स्टार खेसारी लाल यादव को भाजपा उम्मीदवार छोटी कुमारी ने लगभग 7–8 हजार वोटों से हरा दिया। आधिकारिक नतीजे भले जारी न हुए हों, लेकिन खेसारी ने इंस्टाग्राम पर हाथ जोड़कर फोटो साझा करते हुए अपनी हार स्वीकार कर ली। उन्होंने लिखा—
“क्या हार में क्या जीत में, किंचित नहीं भयभीत मैं… जनता मेरे लिए सर्वोपरि थी, है और रहेगी। मुद्दा तब भी उठल बा, आगे भी उठी… जय बिहार!”
छोटी कुमारी ने इसे “छपरा की जनता की जीत” बताते हुए कहा कि स्टारडम से ज्यादा जनता का विश्वास महत्वपूर्ण होता है।
एनडीए की जीत पर बिहार BJP उत्साहित, लेकिन CM के नाम पर चुप्पी
बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने प्रचंड जीत के बाद कहा कि यह जीत मोदी सरकार की नीतियों और जनता के विश्वास की जीत है। उन्होंने बिहार की जनता को दिल से धन्यवाद दिया।
लेकिन जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि अब बिहार का मुख्यमंत्री कौन होगा?
जायसवाल जवाब देने से बचते दिखे और कहते हुए निकल गए—
“अब कल बताएंगे… आपको सब कुछ पहले से पता है…”
उनकी यह चुप्पी नए सियासी समीकरणों के संकेत दे रही है और मुख्यमंत्री पद को लेकर उत्सुकता और बढ़ गई है।
वोट खरीदने के बयान पर NDए का पलटवार
वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी के इस आरोप पर कि “मतदाताओं के वोट 10 हजार रुपये देकर खरीदे गए”, दिलीप जायसवाल ने कहा—
“तेजस्वी यादव 35,000 रुपये देने की बात कर रहे थे। लेकिन बिहार की जनता इन चीज़ों से ऊपर उठ चुकी है। जनता को मोदी जी की गारंटी पर विश्वास है।”
विनोद तावड़े का बड़ा बयान — “यह जीत वादों की नहीं, काम की है”
बिहार प्रभारी विनोद तावड़े ने कहा कि एनडीए की जीत महिलाओं को 10 हजार देने या पेंशन बढ़ाने वाले वादों की वजह से नहीं हुई है। बल्कि पिछले 10 वर्षों में चली योजनाओं — उज्ज्वला, किसान सम्मान निधि, पीएम आवास जैसी योजनाओं — का जनता ने सम्मान किया है।
तावड़े ने दावा किया कि—
- यादव–मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में 30 सीटें एनडीए के खाते में गईं
- एससी–एसटी क्षेत्रों में 60 सीटें
- अत्यंत पिछड़ा वर्ग (EBC) क्षेत्रों में 110 सीटें
और यह साबित करता है कि जनता ने विकास की राजनीति को वोट दिया है, न कि “झूठे वादों” को।
उन्होंने कहा—
“बिहार का आदमी गरीब जरूर है लेकिन बुद्धिमान है। उसे पता है सच क्या है और झूठ क्या है।”
क्या बिहार में विकास की नई रफ्तार देखने को मिलेगी?
एनडीए नेताओं का दावा है कि आने वाले दिनों में बिहार की विकास यात्रा और तेजी से आगे बढ़ेगी।
पीएम मोदी जल्द ही बिहार में नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हो सकते हैं।
फिलहाल, जनता की निगाहें अगले मुख्यमंत्री के नाम पर टिकी हैं, जिसकी घोषणा जल्द होने की संभावना है।


