
पटना, 18 जुलाई 2025: बिहार में हालिया अपराध घटनाओं को लेकर राजनीतिक गर्मी बढ़ गई है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बिहार पुलिस के एडीजी (मुख्यालय व एसटीएफ) कुंदन कृष्णन के एक विवादास्पद बयान पर तीखा हमला बोला है। एडीजी ने हाल ही में कहा था कि मानसून से पहले अप्रैल, मई और जून के महीनों में हत्याओं में वृद्धि होती है क्योंकि इस दौरान किसानों के पास कम काम होता है। तेजस्वी यादव ने इस टिप्पणी को गंभीर और गैरजिम्मेदाराना बताया।
तेजस्वी यादव ने उठाए सवाल, कहा – ‘लोग अपनी जान बचाने के लिए भाग जाते’
तेजस्वी यादव ने तंज कसते हुए कहा,
“अगर एडीजी ने यह बात पहले बताई होती, तो लोग अपनी जान बचाने के लिए बिहार छोड़कर भाग जाते।”
उन्होंने कहा कि यदि पुलिस को पता था कि इन महीनों में हत्याएं बढ़ती हैं, तो उन्हें जनता को अग्रिम चेतावनी देनी चाहिए थी।
तेजस्वी ने सवाल किया,
“क्या यही पुलिस की तैयारी है? क्या अब अपराध का मौसम देखकर आंकलन होगा?”
एडीजी का बयान: ‘मानसून से पहले हत्याएं बढ़ती हैं, बारिश के साथ घटती हैं’
दरअसल, एडीजी कुंदन कृष्णन ने बीते दिनों पटना के पारस अस्पताल में दिनदहाड़े हुई हत्या की पृष्ठभूमि में मीडिया से कहा था:
“सालों से अप्रैल, मई और जून में हत्याएं बढ़ती हैं क्योंकि मानसून आने तक किसानों के पास काम नहीं होता। बारिश शुरू होते ही किसान खेतों में व्यस्त हो जाते हैं और अपराध की घटनाएं घट जाती हैं।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह एक चुनावी वर्ष है, इसलिए अपराध की हर घटना को मीडिया अधिक उछाल रहा है।
विपक्ष हमलावर, सत्ता पक्ष मौन
तेजस्वी यादव के बयान के बाद अब विपक्षी दलों ने भी पुलिस प्रशासन की कार्यशैली और सोच पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। वहीं, अब तक राज्य सरकार या सत्ताधारी एनडीए गठबंधन की ओर से इस पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।