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पटना: बिहार विधानसभा चुनावों की तारीखों के नजदीक आते ही राज्य की राजनीति में गर्माहट बढ़ गई है। महागठबंधन और एनडीए के बीच सीट बंटवारे पर जारी खींचतान के बीच महागठबंधन के नेता और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव बुधवार को राघोपुर विधानसभा क्षेत्र से नामांकन दाखिल करेंगे। यह उनके राजनीतिक करियर का लगातार तीसरा चुनाव होगा।


तेजस्वी का नामांकन: महागठबंधन अभियान की शुरुआत

राजद के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि तेजस्वी यादव का राघोपुर से नामांकन दाखिल करना उनके चुनावी अभियान का पहला और सबसे अहम चरण है। नामांकन के साथ ही उनका राज्यव्यापी प्रचार अभियान गुरुवार से शुरू होने जा रहा है।

सूत्रों के अनुसार, तेजस्वी यादव बिहार के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में प्रतिदिन औसतन 15 जनसभाओं को संबोधित करेंगे। उनका कार्यक्रम इस तरह तैयार किया गया है कि वे अधिक से अधिक सीटों पर महागठबंधन के उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार कर सकें।


व्यापक और संगठित प्रचार रणनीति

राजद के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि इस बार तेजस्वी यादव का प्रचार अभियान पूरी तरह व्यवस्थित और रणनीतिक रूप से योजनाबद्ध है।
पार्टी ने “जमीनी संपर्क और युवा संवाद” पर खास फोकस किया है।

तेजस्वी यादव की चुनावी टीम ने प्रत्येक सभा और क्षेत्रवार फीडबैक तंत्र तैयार किया है ताकि मतदाताओं की प्रतिक्रियाओं और मुद्दों को तत्काल रणनीति में शामिल किया जा सके।


डिजिटल माध्यमों से भी सीधा संवाद

तेजस्वी यादव ने इस बार डिजिटल माध्यमों को भी अपने प्रचार का अहम हिस्सा बनाया है। उन्होंने हाल ही में दो बार फेसबुक लाइव के जरिए ‘नौकरी संवाद’ आयोजित किया, जिसमें उन्होंने युवाओं और बेरोजगार वर्ग से सीधा संवाद किया।
राजद का दावा है कि इस अभियान से लाखों युवा मतदाता सीधे तौर पर जुड़ चुके हैं।


वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी भी रहेंगे साथ

सूत्रों के मुताबिक, वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी भी तेजस्वी यादव के नामांकन और प्रचार कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं। माना जा रहा है कि उनके सहयोग से महागठबंधन का प्रभाव सीमांचल और पूर्वी बिहार में और मजबूत होगा।


पिछले चुनाव में रचा था रिकॉर्ड

2020 के विधानसभा चुनाव में तेजस्वी यादव ने 263 चुनावी सभाओं को संबोधित किया था, जो किसी भी उम्मीदवार के लिए रिकॉर्ड माना गया।
कई मौकों पर उन्होंने एक ही दिन में 16 से 18 सभाएं कीं।
हेलिकॉप्टर संचालन में बाधा आने पर वे सड़क मार्ग से यात्रा कर प्रचार जारी रखते थे, जिससे उनका चुनावी अभियान कभी रुका नहीं।


नामांकन के राजनीतिक मायने

राजद नेताओं के अनुसार, राघोपुर से नामांकन दाखिल करना केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि महागठबंधन की एकता और रणनीतिक शक्ति का प्रतीक है।
यह कदम तेजस्वी यादव के राजनीतिक भविष्य के साथ-साथ गठबंधन में सहयोगी दलों के विश्वास को भी मजबूत करेगा।


नामांकन प्रक्रिया और चुनावी कार्यक्रम

वर्तमान में बिहार में दोनों चरणों का नामांकन चल रहा है —

  • पहले चरण के लिए नामांकन 4 नवंबर तक,
  • और दूसरे चरण के लिए 9 नवंबर तक चलेगा।

इन तारीखों के बीच तेजस्वी यादव का नामांकन और प्रचार अभियान महागठबंधन के लिए चुनावी दिशा तय करने वाला मोड़ माना जा रहा है।


निष्कर्ष

तेजस्वी यादव के तीसरी बार राघोपुर से नामांकन के साथ महागठबंधन का प्रचार अभियान औपचारिक रूप से शुरू हो जाएगा।
उनका सक्रिय नेतृत्व और व्यापक जनसंपर्क कार्यक्रम बिहार की चुनावी जंग में विपक्ष की सबसे बड़ी ताकत साबित हो सकता है।


 

 

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