पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के बीच मोकामा में हुए दुलारचंद यादव हत्याकांड ने राज्य का राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया है।राजद नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने इस मामले में चुनाव आयोग और प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल उठाते हुए जेडीयू प्रत्याशी एवं बाहुबली अनंत सिंह को बिना नाम लिए तीखा निशाना साधा है।
तेजस्वी यादव ने उठाए सवाल

तेजस्वी यादव ने कहा कि लोकतंत्र में हिंसा की कोई जगह नहीं है, लेकिन बिहार में अपराधियों को खुली छूट दी जा रही है।
उन्होंने कहा —
“चुनाव आयोग और प्रशासन अब तक क्या कर रहे हैं? हथियारों के साथ 40 गाड़ियों का काफिला घूमता है, लेकिन कोई रोक नहीं। अपराधियों को संरक्षण दिया जा रहा है। चुनाव आयोग को इस मामले पर स्वतः संज्ञान लेना चाहिए और कार्रवाई करनी चाहिए।”
क्या है पूरा मामला
बीते गुरुवार को मोकामा के खुशहाल चक के पास यह घटना हुई थी।जन सुराज पार्टी के प्रत्याशी पीयूष प्रियदर्शी अपने समर्थकों के साथ प्रचार कर रहे थे। उनके साथ टाल क्षेत्र के बाहुबली दुलारचंद यादव भी मौजूद थे।इसी दौरान अनंत सिंह और उनके समर्थक उसी रास्ते से गुजर रहे थे। दोनों पक्षों में पहले गाली-गलौज, फिर ईंट-पत्थरबाजी हुई।इसी बीच दुलारचंद यादव की मौत हो गई।
गोली और फिर कुचलकर हत्या का आरोप
मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया है कि
“पहले दुलारचंद को गोली मारी गई और फिर गाड़ी से कुचलकर उनकी हत्या की गई।”
पुलिस ने इस मामले में अनंत सिंह, उनके दो भतीजों रणवीर सिंह और कर्मवीर सिंह समेत पांच लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की है। हालांकि, अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
दुलारचंद यादव — कभी आरजेडी के करीबी रहे ‘टाल क्षेत्र के बाहुबली’
दुलारचंद यादव मोकामा टाल क्षेत्र में प्रभावशाली माने जाते थे और कभी लालू प्रसाद यादव के करीबी हुआ करते थे।
बाद में वे प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी से जुड़ गए थे और पीयूष प्रियदर्शी के प्रचार में सक्रिय भूमिका निभा रहे थे।
उनकी हत्या के बाद अब यह मामला चुनावी मुद्दा बन चुका है।


