Voice Of Bihar

खबर वही जो है सही

भारत में तकनीकी वस्त्र क्रांति: एनटीटीएम और पीएलआई योजना ने बदली तस्वीर

ByKumar Aditya

जून 15, 2025
SAVE 20250615 113445

कुछ वर्ष पूर्व तक तकनीकी वस्त्र एक सीमित और उपेक्षित खंड था। निवेश कम, आयात पर निर्भरता ज़्यादा और घरेलू मांग सीमित थी। लेकिन आज प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करते हुए यह क्षेत्र औद्योगिक परिवर्तन का केंद्र बन गया है।

रक्षा, चिकित्सा और अंतरिक्ष क्षेत्र में अहम योगदान

कोविड-19 संकट में पीपीई किट और सुरक्षात्मक गियर का स्वदेशी निर्माण हो या ऑपरेशन सिंदूर में सशस्त्र बलों की जरूरतें — तकनीकी वस्त्रों ने अपनी उपयोगिता सिद्ध की है। इसरो के साथ बातचीत में भी कार्बन फाइबर, UHMWPE और नायलॉन 66 जैसे उच्च तकनीक वस्त्रों की ज़रूरत को रेखांकित किया गया।

क्या हैं तकनीकी वस्त्र?

ये वस्त्र सौंदर्य से ज़्यादा कार्यक्षमता पर आधारित होते हैं — बुलेट-प्रूफ जैकेट, फायरप्रूफ वर्दी, सर्जिकल गाउन, एंटी-बैक्टीरियल शीट्स से लेकर सड़क निर्माण में जियो-ग्रिड तक। दुनिया में जहां यह 27% है, वहीं भारत में 11% हिस्सेदारी है, जिसे तेजी से बढ़ाया जा रहा है।

एनटीटीएम और पीएलआई की संयुक्त शक्ति

भारत सरकार ने इस क्षेत्र में 12,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है।

  • राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन (NTTM) अनुसंधान, नवाचार और कौशल विकास पर केंद्रित है। 168 परियोजनाएं और 17 स्टार्टअप को मदद दी गई है।
  • पीएलआई योजना के तहत चयनित 80 में से 56.75% कंपनियां इसी क्षेत्र में कार्यरत हैं। इससे 7,343 करोड़ का नया निवेश, 4,648 करोड़ का कारोबार और 538 करोड़ का निर्यात हुआ है।

वैश्विक बाजार में भारत की मजबूती

स्वास्थ्य, कृषि, रक्षा और बुनियादी ढांचे में 73 तकनीकी वस्त्रों के अनिवार्य उपयोग का नियम लागू किया गया। मानव निर्मित कपड़ा निर्यात 2020-21 में 4.2 अरब डॉलर से बढ़कर 2024-25 में 5.3 अरब डॉलर हो गया।

सतत् और हरित नवाचार की दिशा में कदम

भारत प्राकृतिक रेशों जैसे जूट, कपास, रेशम, पश्मीना को उच्च तकनीकी वस्त्रों में बदलने की दिशा में अग्रसर है। 3डी प्रिंटिंग, मेडिकल इम्प्लांट, ऑटोमोबाइल कंपोजिट और इको-फ्रेंडली निर्माण सामग्री में इनका उपयोग हो रहा है।

निर्यात और रोजगार के नए अवसर

मार्च 2025 तक इस क्षेत्र ने 5,218 करोड़ रुपये का निवेश और 8,500 से अधिक रोजगार सृजित किए। अकेले तकनीकी वस्त्रों का कारोबार 3,242 करोड़ रुपये रहा।

भविष्य की तैयारी

68,000 करोड़ के घरेलू विनिर्माण लक्ष्य के साथ 25 परियोजनाएं शुरू हैं। इससे 6,700 करोड़ रुपये के निर्यात की संभावना है।

केंद्रीय कपड़ा मंत्री के रूप में मुझे गर्व है कि भारत केवल इस क्रांति में भाग नहीं ले रहा, बल्कि इसका नेतृत्व कर रहा है। एनटीटीएम और पीएलआई की संयुक्त शक्ति से हम देश को वैश्विक मंच पर नई पहचान दिलाने की दिशा में अग्रसर हैं।


लेखक : श्री गिरिराज सिंह, केंद्रीय कपड़ा मंत्री

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *