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वेतन भुगतान में शिक्षकों को प्राथमिकता : डॉ. एस. सिद्धार्थ

ByKumar Aditya

मई 3, 2025
ACS siddharth

टीआरई-3 शिक्षकों के पोस्टिंग ऑर्डर रविवार से, महिला शिक्षकों के ट्रांसफर पर भी विशेष ध्यान

पटना, 03 मई 2025:बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने “शिक्षा की बात – हर शनिवार” के 13वें एपिसोड में शिक्षकों को राहत देने वाली कई अहम घोषणाएं कीं। उन्होंने कहा कि टीआरई-3 के अंतर्गत चयनित शिक्षकों की पोस्टिंग रविवार से तीन चरणों में शुरू होगी और सभी नियुक्त शिक्षक 15 मई से पहले स्कूल ज्वाइन कर लेंगे।

तीन चरणों में जारी होंगे पोस्टिंग ऑर्डर

डॉ. सिद्धार्थ ने बताया कि:

  • रविवार को 11 जिलों के लिए पोस्टिंग आदेश जारी किए जाएंगे।
  • सोमवार को अन्य 11 जिलों के आदेश जारी होंगे।
  • मंगलवार को शेष जिलों का आदेश जारी किया जाएगा।

उन्होंने सभी नव-नियुक्त शिक्षकों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि राज्य की शिक्षा प्रणाली को मजबूती देने में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण होगी।

महिला शिक्षकों के ट्रांसफर पर विशेष फोकस

बीपीएससी टीआरई-1 और टीआरई-2 के तहत कार्यरत महिला शिक्षकों के दूरी आधारित स्थानांतरण की प्रक्रिया अगले सप्ताह से शुरू की जाएगी। इसकी सूचना ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर जारी होगी।

शिक्षकों की वेदना को मिली आवाज़

कार्यक्रम में डॉ. सिद्धार्थ ने एक शिक्षक द्वारा भेजे गए पत्र का जिक्र किया, जिसमें वेतन में देरी, रिश्वत, और अफसरों के दुर्व्यवहार की शिकायतें की गई थीं। उन्होंने भावुक होते हुए कहा:

“मैंने इस पत्र को कई बार पढ़ा और शिक्षक की पीड़ा को महसूस किया।”

डॉ. सिद्धार्थ ने सख्त निर्देश देते हुए कहा कि जब तक शिक्षकों को वेतन नहीं मिलेगा, तब तक शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों को भी वेतन नहीं दिया जाएगा (ग्रुप डी को छोड़कर)। शिकायत मिलने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई।

ई-शिक्षा कोष पोर्टल से पारदर्शिता की पहल

विभाग ने 11 अवयवों से युक्त नया पोर्टल शुरू किया है जिसमें शिकायत निवारण, वेतन भुगतान, स्कूल इंफ्रास्ट्रक्चर और उपस्थिति मॉनिटरिंग जैसी व्यवस्थाएं शामिल हैं। अब सभी छुट्टियों और वेतन से जुड़ी प्रक्रियाएं पूरी तरह ऑनलाइन होंगी।

डॉ. सिद्धार्थ ने कहा:

“अब किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हर सुबह और शाम मैं स्वयं पोर्टल की निगरानी करता हूं।”

मध्याह्न भोजन और प्रधानाचार्य की जिम्मेदारियाँ

उन्होंने बताया कि मध्याह्न भोजन के पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत कर दी गई है। इसके लिए प्रधानाचार्यों की जिम्मेदारियाँ तय की गई हैं ताकि विद्यालय की हर गतिविधि पर नजर रखी जा सके।

शिक्षकों से संवाद और सुधार की पहल

कार्यक्रम का समापन करते हुए डॉ. सिद्धार्थ ने कहा:

“शिक्षक का पत्र हम सभी के लिए एक चेतावनी और सीख है। यह दर्शाता है कि संवाद जरूरी है।”

उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि पत्र में दिए सुझावों को लागू किया जाए और शिक्षकों को स्कूल में समर्पित वातावरण मिले।


यह पहल बिहार के शिक्षा तंत्र में एक नई सकारात्मक ऊर्जा का संकेत है, जिससे उम्मीद की जा सकती है कि शिक्षक और विद्यार्थी दोनों को एक पारदर्शी, संवेदनशील और उत्तरदायी प्रणाली मिलेगी।


 

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