सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला; ग्रामीण बैंक कर्मचारियों को नवंबर 1993 से मिलेगा कंप्यूटर इंक्रीमेंट
वाणिज्यिक बैंकों की तरह ग्रामीण बैंक के कर्मचारियों को भी अब कंप्यूटर इंक्रीमेंट का लाभ मिलेगा। यह लाभ नवंबर, 1993 से देय होगा। सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय से उत्तर और दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक के लगभग दो हजार कर्मी लाभान्वित होंगे। उनमें अभी कार्यरत कर्मियों के साथ सेवानिवृत्त कर्मी भी सम्मिलित हैं।
उल्लेखनीय है कि कंप्यूटर इंक्रीमेंट मूल वेतन में सम्मिलित होता है। इसका प्रभाव ग्रेच्युटी, पेंशन और फैमिली पेंशन के साथ अवकाश के नकदीकरण पर भी पड़ता है।
500 करोड़ का पड़ेगा अतिरिक्त भार
सुप्रीम कोर्ट का निर्णय है कि कंप्यूटर इंक्रीमेंट के 50 प्रतिशत बकाये का भुगतान 30 सितंबर तक और शेष राशि का भुगतान अगले वर्ष मार्च तक कर दिया जाए। पहली नवंबर, 1993 या उसके पूर्व सेवा में रहे ग्रामीण बैंक के कर्मियों-अधिकारियों को यह लाभ मिलना है।
बकाया कंप्यूटर इनक्रीमेंट और उस पर मंहगाई भत्ते के साथ मकान किराया भत्ता का भुगतान होना है। इससे राज्य के दोनों ग्रामीण बैंकों पर कुल पांच सौ करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा।
उल्लेखनीय है कि बिहार के 38 जिलों में ग्रामीण बैंक की कुल 2105 शाखाएं हैं। इसमें उत्तर बिहार की 1027 और दक्षिण बिहार की 1078 शाखाएं हैं। दोनों ग्रामीण बैंकों में दस हजार से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं।
कानूनी उत्तराधिकारी भी लाभ के हकदार
ऑल इंडिया ग्रामीण बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय महासचिव डी.एन त्रिवेदी ने बताया कि सामान्य कर्मियों के अतिरिक्त पहली नवंबर, 1993 तक कार्यरत रहे उन सभी कर्मियों, जिन्हें पेंशन या फैमिली पेंशन नहीं मिल रही, जो बैंक की सेवा से पदच्युत हैं या अनिवार्य सेवानिवृत्ति ले चुके हैं या सेवा से त्यागपत्र दे चुके हैं या जिनकी मृत्यु हो चुकी है, उनके कानूनी उत्तराधिकारी को भी कंप्यूटर इंक्रीमेंट का लाभ मिलेगा।
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