
पटना, 03 जुलाई।राज्य में संभावित बाढ़ की स्थिति को लेकर जल संसाधन विभाग ने इस वर्ष व्यापक तैयारियां की हैं। अतिसंवेदनशील तटबंधों की हर किलोमीटर पर निगरानी, निर्माण सामग्री की तैनाती, तटबंध एम्बुलेंस, और बाढ़ पूर्वानुमान केंद्र जैसे प्रयासों से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि बाढ़ के खतरे को समय रहते नियंत्रित किया जा सके।
बाढ़-2025: पूर्व तैयारी और सावधानी
राज्य सरकार ने इस वर्ष बाढ़-2025 से पहले सभी खतरनाक स्थलों पर कटाव निरोधक कार्य पूरे कर लिए हैं।
- अब तक 394 स्थलों पर 1310.09 करोड़ रुपये की लागत से कार्य पूरा
- इसमें गंगा, कोसी, बागमती, गंडक, बूढ़ी गंडक, कमला बलान और महानंदा जैसी प्रमुख नदियां शामिल
बाढ़ के दौरान किसी भी स्थिति से निपटने के लिए अपर्याप्त सामग्रियों का भंडारण भी सुनिश्चित कर लिया गया है।
हर किलोमीटर पर निगरानी – तटबंध एम्बुलेंस की तैनाती
- राज्य के 3808 किमी तटबंधों की निगरानी के लिए प्रत्येक किलोमीटर पर एक श्रमिक तैनात
- तटबंध एम्बुलेंस में मौजूद हैं – ट्रैक्टर, पोर्टेबल जेनरेटर, लाइट्स, जिओ बैग, ईसी बैग आदि
- 10 प्रशिक्षित मजदूरों की टीम हर एम्बुलेंस में सतत तैनात
साथ ही निगरानी दलों के लिए आवास, शौचालय और पेयजल की भी व्यवस्था की गई है।
बाढ़ पूर्वानुमान केंद्र की अहम भूमिका
पटना स्थित बाढ़ प्रबंधन सुधार सहायक केंद्र के गणितीय प्रतिमान केंद्र ने काम शुरू कर दिया है।
- गंगा के बक्सर से कहलगांव तक 7 स्थलों पर
- 42 नदियों के स्थलों पर 72 घंटे पहले पूर्वानुमान की सुविधा
यह पूर्वानुमान जिलाधिकारी और क्षेत्रीय पदाधिकारियों को तत्काल सूचित किया जा रहा है।
अनुभवी अभियंताओं की निगरानी, 11 बाढ़ सुरक्षा बल गठित
- प्रत्येक क्षेत्रीय अभियंता को परामर्श देने के लिए
- सेवानिवृत्त अभियंताओं की अध्यक्षता में 11 विशेष बलों का गठन
- खतरनाक तटबंधों की निगरानी का जिम्मा इन बलों को सौंपा गया है
नेपाल से सघन समन्वय
कोशी बराज सहित नेपाल में स्थित तटबंधों की स्थिति पर भी लगातार निगरानी
- नेपाल के जल एवं मौसम विभाग से सामयिक सूचना का आदान-प्रदान
- काठमांडु स्थित संपर्क कार्यालय इस समन्वय का महत्वपूर्ण केंद्र
24 घंटे टॉल फ्री सहायता केंद्र
जनता और प्रशासनिक अधिकारियों को सतत जानकारी उपलब्ध कराने के लिए बाढ़ नियंत्रण कोषांग द्वारा सहायता केंद्र चालू है:
- टोल फ्री नं: 1800 345 6145
- दूरभाष नं: 0612-2206669, 2215850
- मोबाइल नं: 7463889706, 7463889707
कोट:
“बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सतत निगरानी का कोई विकल्प नहीं। ऐसा कोई हिस्सा न छूटे जहां वरिष्ठ अधिकारी का निरीक्षण न हुआ हो। सभी स्थलों तक सुगम पहुंच और जर्जर पुल-पुलियों की रिपोर्ट भी तैयार की गई है।”
— विजय कुमार चौधरी, जल संसाधन मंत्री, बिहार सरकार