सरकार ने जारी किए सुरक्षा दिशा-निर्देश, सीमावर्ती क्षेत्रों पर विशेष जोर
नई दिल्ली, 6 मई:एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक भारत में अपनी सैटेलाइट इंटरनेट सेवा जल्द शुरू कर सकती है। भारत सरकार ने सोमवार को सैटेलाइट ब्रॉडबैंड लाइसेंस को लेकर सुरक्षा से संबंधित दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। इससे लंबे समय से रुकी लाइसेंस प्रक्रिया के आगे बढ़ने का रास्ता साफ हो गया है।
सुरक्षा के लिए कड़े दिशानिर्देश:
संचार मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों में कई अहम शर्तें शामिल की गई हैं, जो राष्ट्रीय सुरक्षा और क्षेत्रीय संप्रभुता से संबंधित हैं:
- सेवा प्रतिबंध की व्यवस्था: एजेंसियों द्वारा निर्देश मिलने पर कंपनी को किसी विशेष ग्राहक या भौगोलिक क्षेत्र में सेवा तुरंत बंद करनी होगी।
- जियो-फेंसिंग की अनिवार्यता: निषिद्ध क्षेत्रों में सेवा को रोकने के लिए जियो-फेंसिंग की सटीकता सुनिश्चित करनी होगी।
- सीमा क्षेत्रों में संचालन: केवल भारत सरकार के सर्वेक्षण मानचित्रों के अनुसार ही सीमावर्ती और संवेदनशील क्षेत्रों में सेवाएं दी जा सकेंगी।
- सूचना उपलब्धता: नामित संस्थाओं और सुरक्षा एजेंसियों द्वारा जानकारी मांगे जाने पर उसे तुरंत मुहैया कराना अनिवार्य होगा।
- उपकरण ब्लॉकिंग का प्रावधान: सुरक्षा एजेंसियों द्वारा चिन्हित किसी भी टर्मिनल (उपकरण) को तत्काल ब्लॉक करने की व्यवस्था होनी चाहिए।
लाइसेंस मिलने की संभावना:
सूत्रों के मुताबिक, स्टारलिंक पहले से कई बिंदुओं पर सहमत हो चुका है। कंपनी ने भारत में स्थानीय गेटवे और सर्वर स्थापित करने, साथ ही सीमाओं से जुड़े नियमों को मानने पर सहमति जताई है। अब केवल कुछ बिंदुओं पर लिखित स्वीकृति बाकी है, जिसके बाद कंपनी को स्पेक्ट्रम और संचालन की अनुमति मिल सकती है।
स्टारलिंक द्वारा भारत में इंटरनेट सेवा की योजना पिछले कुछ वर्षों से विचाराधीन थी, लेकिन स्पष्ट दिशानिर्देशों की अनुपस्थिति में लाइसेंस प्रक्रिया रुकी हुई थी। अब दिशा-निर्देश जारी होने से उम्मीद है कि कंपनी 2025 की शुरुआत में सेवाएं शुरू कर सकती है।