भागलपुर। “सुरक्षित बचपन ही सुरक्षित समाज की गारंटी है।” यह बात सिविल सर्जन डॉ. अशोक प्रसाद ने शुक्रवार को भागलपुर में आयोजित एक दिवसीय मीडिया कार्यशाला के दौरान कही।
उन्होंने कहा कि जब तक गर्भवती माताएँ और बच्चे पूरी तरह सुरक्षित नहीं होंगे, तब तक समाज को सुरक्षित नहीं माना जा सकता।
कार्यशाला का उद्देश्य
कार्यशाला का आयोजन PCI-GAVI HSS-3.0 परियोजना के अंतर्गत होटल राज हंस, भागलपुर में हुआ। इसका मकसद मीडिया की भूमिका को मजबूत बनाना और टीकाकरण को लेकर जन-जागरूकता बढ़ाना था ताकि स्वास्थ्य विभाग का संदेश अधिक से अधिक लोगों तक पहुँच सके।
संपूर्ण टीकाकरण ही सुरक्षा की ढाल
डॉ. अशोक प्रसाद ने स्पष्ट कहा –
“सिर्फ एक बच्चा या मां का असुरक्षित रहना पूरे समाज के लिए खतरा हो सकता है। इसलिए हर परिवार की जिम्मेदारी है कि समय पर टीकाकरण कराएँ।”
उन्होंने बताया कि PHC, CHC और सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर सभी जीवन रक्षक टीके मुफ्त उपलब्ध हैं। इन टीकों से बच्चों को 6 जानलेवा बीमारियों से बचाया जा सकता है –
- डिप्थीरिया
- टिटनेस
- काली खाँसी
- पोलियो
- क्षय रोग
- खसरा
जागरूकता की कमी है बड़ी चुनौती
सिविल सर्जन ने चिंता जताई कि अभी भी ग्रामीण इलाकों में कई माता-पिता टीकाकरण को लेकर लापरवाह हैं। इसका नतीजा यह होता है कि उनके बच्चे गंभीर बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं।
उन्होंने मीडिया से अपील की कि वह इस अभियान को जन-जन तक पहुँचाने में सेतु का काम करे और समाज में जागरूकता बढ़ाने में मदद करे।
सरकार और स्वास्थ्य विभाग के प्रयास
- घर-घर जाकर संपर्क अभियान
- स्वास्थ्य कर्मियों की सक्रियता
- जागरूकता कार्यक्रम
इन प्रयासों से सुनिश्चित किया जा रहा है कि कोई भी बच्चा या मां टीकाकरण से वंचित न रह जाए।
अंतिम संदेश
कार्यशाला के अंत में डॉ. प्रसाद ने कहा –
“आइए, संकल्प लें – संपूर्ण टीकाकरण करेंगे, अपने बच्चों और माताओं को सुरक्षित बनाएंगे और समाज को स्वस्थ एवं मजबूत करेंगे।”