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सिवान (तरवारा प्रखंड)। जिले के काजी टोला स्थित उत्क्रमित उर्दू मध्य विद्यालय में शनिवार को एक शिक्षक द्वारा बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) ड्यूटी से असहमति जताने के दौरान आत्मघाती कदम उठाने जैसी स्थिति बन गई। शिक्षक ने विद्यालय की छत पर चढ़कर विरोध जताया, जिसके बाद विद्यालय परिसर में कुछ देर के लिए अफरातफरी की स्थिति पैदा हो गई।

बीएलओ कार्य को लेकर असहमति

शिक्षक हारून रशीद की प्रतिनियुक्ति निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार चल रहे विशेष गहन पुनर्निरीक्षण 2025 के अंतर्गत मतदान केंद्र संख्या 265 पर बीएलओ के रूप में की गई थी। आरोप है कि उन्होंने संबंधित दस्तावेज़ समय पर प्राप्त नहीं किए और जब पंचायत सचिव ने कारण पूछा तो उन्होंने कार्य करने से इनकार कर दिया।

इसके बाद शिक्षक विद्यालय की छत पर चले गए और कथित तौर पर कहा कि यदि उन पर दबाव बनाया गया तो वे आत्मघाती कदम उठा सकते हैं।

विद्यालय परिसर में असमंजस

यह दृश्य देखने वाले छात्र और सहकर्मी शिक्षक कुछ समय के लिए असमंजस में आ गए। हालांकि स्थिति को गंभीरता से लेते हुए स्थानीय प्रशासन को सूचित किया गया और मामला शांतिपूर्ण ढंग से सुलझ गया।

प्रारंभिक जांच के आदेश

घटना का वीडियो बीएलओ पर्यवेक्षक द्वारा प्रखंड प्रशासन को भेजा गया है। प्रखंड विकास पदाधिकारी वैभव शुक्ला ने जानकारी दी कि—

“मामले की जांच का आदेश दे दिया गया है। प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। जांच पूरी होने तक संबंधित शिक्षक का वेतन स्थगित किया गया है।”

बिहार में मतदाता सूची पुनर्निरीक्षण को लेकर हाल के दिनों में कुछ स्थानों पर शिक्षकों द्वारा दबाव और असहजता की शिकायतें आई हैं। कई शिक्षक संगठन इस कार्य को अतिरिक्त भार मानते हुए पुनर्विचार की मांग कर रहे हैं। वहीं विपक्षी दलों ने इस प्रक्रिया पर आपत्ति जताते हुए आगामी 9 जुलाई को बिहार बंद का आह्वान किया है।