किशनगंज: बिहार के किशनगंज जिले को सड़क विकास का बड़ा तोहफा मिलने वाला है। सिलीगुड़ी-गोरखपुर 6-लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का लगभग 72 किलोमीटर हिस्सा किशनगंज से गुजरेगा, जिससे जिले की अर्थव्यवस्था और व्यापार को नई गति मिलेगी।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने एलाइनमेंट में बदलाव के बाद नई अधिसूचना जारी कर दी है। पहले यह हाईवे ठाकुरगंज शहर के पश्चिमी हिस्से से गुजरने वाला था, लेकिन स्थानीय मांग पर इसे पूर्व की ओर शिफ्ट किया गया।
किशनगंज में भूमि अधिग्रहण की स्थिति
- हाईवे अब टेढ़ागाछ, बहादुरगंज और ठाकुरगंज प्रखंडों के कुल 63 मौजों से होकर गुजरेगा।
- टेढ़ागाछ: 6 मौजे
- बहादुरगंज: 25 मौजे
- ठाकुरगंज: 32 मौजे (जिनमें बेसरबाटी, कुकुरबागी, पथरिया, नेजागछ, गोथरा, कनकपुर, गिद्धिनगोला, दूधमंजर, दोगाछी और अन्य शामिल हैं)
स्थानीय मांग पर यह बदलाव किया गया ताकि ठाकुरगंज शहर को नुकसान न पहुंचे। पहले डीपीआर के अनुसार शहर से गुजरने पर घर और सरकारी भवनों को खतरा था।
एक्सप्रेसवे का महत्व और लाभ
- कुल लंबाई: 519 किलोमीटर (विस्तार से 568 किमी)
- बिहार में हिस्सा: 417 किलोमीटर
- लागत: कुल 38,645 करोड़ रुपये, बिहार का हिस्सा 27,552 करोड़ रुपये
- फायदे:
- किशनगंज से सिलीगुड़ी और गोरखपुर की दूरी 640 किमी से घटकर 519 किमी होगी।
- यात्रा का समय 14-15 घंटे से घटकर 8-9 घंटे होगा।
- गलगलिया के पास इंडस्ट्रियल जोन बनेगा, रोजगार और व्यापार के अवसर बढ़ेंगे।
- ईस्टर्न और नॉर्थईस्टर्न इंडिया को जोड़ेगा, नेपाल की अर्थव्यवस्था को भी फायदा होगा।
- निर्माण: 2025 में शुरू होकर 2028 तक पूरा होगा।
स्थानीय प्रतिक्रिया
नागरिक एकता मंच ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और सीएम नीतीश कुमार को पत्र लिखकर एलाइनमेंट बदलने की मांग की थी। अब इस हाईवे के बनने से किशनगंज के किसान, व्यापारी और युवाओं को नई उम्मीद मिलेगी।
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