यदि आपसे यह सवाल किया जाए कि टीचर बनने के लिए सबसे अहम दस्तावेज क्या होते हैं। तो आपलोग अमूमन यह कहेंगे कि इसके लिए सबसे अहम है आपके पास इसकी परीक्षा में शामिल होने के लिए डिग्री होनी चाहिए। लेकिन,इसके बाद यह सवाल किया जाए कि इसके लिए कहां का नागरिक होना जरूरी है तो आप एक सुर में जवाब देंगे कि भारतीय नागरिक होना जरूरी है। लेकिन,अब हम आपको एक ऐसी जानकारी देंगे जिसे जान कर आप भी दंग रह जाएंगे कि आखिर ऐसा क्यों और कैसे हुआ ?
दरअसल, यह कहानी है एक लड़की का जिसने फेक डाक्यूमेंट के जरिये बेसिक शिक्षा विभाग में सहायक टीचर की नौकरी कर ली। सबसे बड़ी बात यह है कि यह लड़की भारत की नागरिक ही नहीं है बल्कि यह पाकिस्तान की रहने वाली है। इसके बाबजूद भारत के स्कूल में टीचर बन गई। इसके बाद अब इसको लेकर हर कोई दंग रह गया कि आखिर कितनी बड़ी गलती हुई तो हुई कैसे ? अब इस मामले का सच सामने आने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया है।
पुलिस ने बताया कि प्रखंड शिक्षा अधिकारी(BEO) कि शिकायत पर इस टीचर के खिलाफ शिकायत दर्ज कि गई है। उनके खिलाफ धोखाधड़ी और दस्तावेजों में हेराफेरी के आरोप में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी। इस टीचर का नाम शुमायला खान है। इसने फेक डाक्यूमेंट के जरिये बेसिक शिक्षा विभाग में सहायक टीचर के पद पर नौकरी हासिल किया है।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि शुमायला खान वास्तव में पाकिस्तानी नागरिक हैं। उन्होंने तथ्यों को छिपाते हुए फर्जी निवास प्रमाण पत्र बनवाया। इसके बाद उसने नौकरी हासिल की। जबकि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने शुमायला खान को निलंबित कर दिया। इसके बाद, उन्हें नियुक्ति तिथि से पद से भी हटा दिया गया। बताया जा रहा है कि शुमायला खान ने खुद को मूल रूप से रामपुर के बजरोही टोला निवासी बताया था। उसकी नियुक्ति छह नवंबर 2015 में हुई थी। उन्हें फतेहगंज पश्चिमी के प्राइमरी स्कूल में पोस्ट किया गया। काउंसिलिंग में शुमायला ने एसडीएम सदर रामपुर से जारी निवास प्रमाण पत्र समेत अन्य शैक्षिक और प्रशिक्षण प्रमाण पत्र दिखाए थे।
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