Sharda Sinha Death : मैंने प्यार किया फिल्म से घर-घर में छाईं, बॉलीवुड से गहरा रहा शारदा सिन्हा का नाता

Sharda Sinha Death : लोक गायिका शारदा सिन्हा नहीं रहीं. छठ के मौके पर वे अपने प्रशंसकों को छोड़कर चली गईं. कला और संगीत जगत के लिए ये एक बेहद दुखद खबर है. सिंगर काफी समय से स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं का सामना कर रही थीं. शारदा ने एम्स दिल्ली में 72 साल की उम्र में अंतिम सांस ली.

इसमें कोई दोराय नहीं है कि शारदा सिन्हा के निधन के बाद कला के एक युग का अंत हो गया है. सबको अपनी आवाज से मंत्रमुग्ध करने वाली शारदा चली गईं. लेकिन अपने पीछे शानदार नगमों की एक ऐसी विरासत छोड़ गईं जिन्हें कभी नहीं भुलाया जा सकेगा.

सिंगर की आवाज यूनिक थी. सही मायने में उन्होंने देश की सभ्यता और संस्कृति को दुनियाभर में पॉपुलर किया. बॉलीवुड भी उनके टैलेंट से अछूता नहीं रहा और उन्होंने कई सारे हिंदी गीत भी गाए. बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान की पॉपुलर फिल्म मैंने प्यार किया में उनका एक गाना था जो बहुत पॉपुलर रहा था.

इसके अलावा जब अनुराग कश्यप की कल्ट फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर आई तो उसमें भी शारदा ने गीत गाया था. उनका गाना तार बिजली से पतले हमारे पिया लोगों की जुबान पर छा गया था. आइये जानते हैं कि कैसा रहा शारदा सिन्हा का फिल्मी सफर.

मैंने प्यार किया ने देशभर में किया पॉपुलर

शारदा सिन्हा राजश्री प्रोडक्शंस की फिल्मों में लगभग-लगभग अनिवार्य रूप से गीत गाती थीं. 1989 में आई सलमान खान और भाग्यश्री की फिल्म मैंने प्यार किया में ‘कहे तोसे सजना’, गाना गाने के बाद वह रातों-रात सनसनी बन गई थीं और सबसे पहले उनकी आवाज चर्चा में आई थी.

इसके बाद राजश्री प्रोडक्शन की 1994 ही आई एक और फिल्म ‘हम आपके हैं कौन’ में ‘सजन घर मैं चली’, गीत को गाकर के शारदा सिन्हा ने भारतीय सिनेमा जगत में बिहार की पहचान को और बढ़ा दिया था. इसके अलावा अनुराग कश्यप की फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर में तार बिजली से पतले हमारे पिया गाकर के शारदा सिन्हा की ख्याति युवा पीढ़ी में भी बढ़ गई.

कई भाषाओं में गाये गीत

शारदा सिन्हा ने भोजपुरी और हिंदी में तो गीत गाये ही, साथ-साथ उन्होंने मैथिली, बज्जिका भाषा में भी गाने गाये थे. शारदा सिन्हा का जन्म एक अक्टूबर 1952 को सुपौल जिले के राघोपुर के हुलास में हुआ था. उनके पति का नाम डॉक्टर ब्रजकिशोर सिंह है.

शारदा सिन्हा के बारे में बिहार में यह मशहूर था कि अगर कहीं कोई शादी-विवाह हो रहा हो या फिर दुर्गा पूजा या फिर अन्य संगीत समारोहख् वहां शारदा सिन्हा के द्वारा गाए हुए गीत अनिवार्य रूप से बजते थे. छठ में तो उनकी आवाज गूंजती थी. आवाज तो अभी भी गूंजेगी. लेकिन अफसोस की बिहार कोकिला अब हमारे बीच सिर्फ स्मृतियों में ही रहेंगी.

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Rajkumar Raju

5 years of news editing experience in VOB.

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