भागलपुर, 16 अक्टूबर।भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ दलित नेता मनीष दास ने भागलपुर विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की है। उन्होंने भाजपा नेतृत्व पर रविदास समाज की लगातार उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी दलित समाज को केवल वोट बैंक की तरह देखती है, नेतृत्व देने में विश्वास नहीं करती।
मनीष दास ने बताया कि उन्होंने छात्र राजनीति की शुरुआत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से की थी और 2009 से भाजपा में सक्रिय रहते हुए विभिन्न दायित्वों का निर्वहन किया। 2020 में उन्हें टिकट नहीं मिला था, फिर भी उन्होंने पार्टी के लिए पूरी निष्ठा से काम किया।
उन्होंने कहा कि इस बार उन्हें पूरा भरोसा था कि पार्टी पीरपैंती विधानसभा क्षेत्र (जो अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित है) से रविदास समाज के प्रतिनिधि को टिकट देगी। “रविदास समाज की संख्या यहां लगभग 40 हजार है जबकि पासवान समाज के वोटर 7 से 8 हजार के बीच हैं। फिर भी भाजपा ने चौथी बार पासवान समाज के उम्मीदवार को ही मौका दिया,” उन्होंने कहा।
मनीष दास ने आरोप लगाया कि भाजपा के भीतर रविदास समाज को दरकिनार करने की प्रवृत्ति गहरी होती जा रही है। “हम जैसे कार्यकर्ताओं ने वर्षों तक पार्टी के लिए खून-पसीना बहाया, पर जब नेतृत्व की बात आती है तो स्थानीय बहाने बनाकर हमें किनारे कर दिया जाता है। अब मैं अपने समाज की इज्जत और राजनीतिक नेतृत्व दिलाने के उद्देश्य से निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरा हूं,” उन्होंने कहा।
मनीष दास ने यह भी कहा कि भाजपा में उनकी निष्ठा पर कोई सवाल नहीं है, लेकिन अब समय आ गया है कि रविदास समाज अपने स्वाभिमान की लड़ाई खुद लड़े।


