पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) में अंदरूनी खींचतान तेज होती जा रही है। पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने एक बार फिर सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जाहिर की है।
रोहिणी आचार्य ने शुक्रवार को किए ताजा पोस्ट में लिखा –
“मैंने एक बेटी व बहन के तौर पर अपना कर्तव्य एवं धर्म निभाया है और आगे भी निभाती रहूंगी। मुझे किसी पद की लालसा नहीं है, न मेरी कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा है। मेरे लिए मेरा आत्म-सम्मान सर्वोपरि है।”
संजय यादव पर निशाना
इससे पहले रोहिणी आचार्य ने तेजस्वी यादव के करीबी और सलाहकार संजय यादव को लेकर भी इशारों-इशारों में नाराजगी जताई थी। हाल ही में एक तस्वीर वायरल हुई थी जिसमें तेजस्वी यादव की यात्रा के दौरान संजय यादव उस सीट पर बैठे दिखे जो आमतौर पर तेजस्वी के लिए आरक्षित मानी जाती है।
इस तस्वीर को लेकर सोशल मीडिया पर सवाल उठाए गए। रोहिणी आचार्य ने एक फेसबुक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा था कि “फ्रंट सीट सदैव शीर्ष नेतृत्व के लिए चिन्हित होती है और उनकी अनुपस्थिति में भी किसी को उस सीट पर नहीं बैठना चाहिए।”
तेज प्रताप भी रहे हैं विरोध में
गौरतलब है कि लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव भी कई बार संजय यादव के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं। हालांकि, इसके बाद उन्हें पार्टी और परिवार दोनों से किनारे कर दिया गया था।
सारण सीट से लड़ा था चुनाव
रोहिणी आचार्य ने 2019 के लोकसभा चुनाव में सारण सीट से आरजेडी के टिकट पर चुनाव लड़ा था, जहां उन्हें बेहद कम अंतर से हार का सामना करना पड़ा था। वह करीब 14 हजार वोटों से चुनाव हारी थीं।
चुनाव से पहले बढ़ी सिरदर्दी
अब सवाल यह उठ रहा है कि तेजस्वी यादव के सबसे करीबी माने जाने वाले संजय यादव के खिलाफ लालू परिवार के भीतर बढ़ती नाराजगी विधानसभा चुनाव में आरजेडी के लिए बड़ा नुकसान साबित होगी या नहीं।


