Voice Of Bihar

खबर वही जो है सही

शिवहर की ‘शिक्षा एक्सप्रेस’ में रोजाना स्कूली बच्चे करते हैं सवारी, छात्रों की उपस्थिति भी बढ़ी

GridArt 20240125 120612776

बिहार के शिवहर में शिक्षा एक्सप्रेस चलती है. ‘शिक्षा एक्सप्रेस’ रोजाना सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक चलती है, जिसपर स्कूली बच्चे सवारी करते हैं. लेकिन ये एक्सप्रेस उन्हें कहीं लेकर नहीं जाती. असल में ये एक्सप्रेस उनका स्कूल है, जहां वे रोज पढ़ने जाते हैं. इन दिनों इस स्कूल की खूब चर्चा हो रही है।

शिक्षा एक्सप्रेस में सवारी करते बच्चे

दरअसल, शिवहर जिले के तरियानी प्रखंड के हिरम्मा गांव में संचालित उर्दू मध्य विद्यालय को रेल की तरह डिजाइन किया गया है. इस विद्यालय की इमारत को दूर से देखने पर ट्रेन का स्वरूप नजर आता है. कक्षाओं के प्रवेशद्वार को रेलगाड़ी की गेट की तरह रंग और रूप दिया गया है. साथ ही दीवारों पर खिड़कियों की आकृति बनाई गई है।

स्कूल में बच्चों की बढ़ी उपस्थिति

यहां ट्रेन के डब्बों में बच्चे पढ़ते हैं. स्कूल भवन के अंदर जाते वक्त ऐसा लगता है कि मानों ट्रेन के अंदर जा रहे हैं, निकलते वक्त भी ऐसा लगता है कि मानों ट्रेन से निकल रहे हैं. जिस वजह से इसे शिक्षा एक्सप्रेस नाम दिया गया. स्कूल को इस तरह से आकर्षित बनाने के बाद यहां बच्चों की उपस्थिति भी बढ़ गई है।

छात्रा ने बताया शिक्षा एक्सप्रेस का मतलब

इसको लेकर स्कूल आई एक छात्रा ने शिक्षा एक्सप्रेस का मतलब बताया. उसने कहा कि ‘जिस तरह ट्रेन तेज रफ्तार से चलकर अपने गंतव्य की ओर पहुंचती है. ठीक वैसे ही यहां के शिक्षक-शिक्षिका बच्चों को अच्छी शिक्षा देकर उसी रफ्तार से आगे बढ़ाते हैं.’

शिक्षा एक्सप्रेस नाम रखने के पीछे वजह

वहीं विद्यालय के प्रधानाध्यापक सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि ‘विद्यालय का नाम हमने शिक्षा एक्सप्रेस रखा है. जिससे बच्चे काफी उत्साह के साथ स्कूल पहुंचते हैं और स्कूल के नए लुक को देखकर खुश होते हैं.’ बताया कि ‘बच्चों को ट्रेन की सवारी करनी काफी पसंद है, ऐसे में स्कूल आकर उन्हें काफी अच्छा लगता है. और वे मन लगाकर पढ़ते हैं. इससे बच्चों की उपस्थिति भी बढ़ गई है.’